ईरान में बढ़ती हिंसा, 1500 भारतीय छात्र फंसे
ईरान की राजधानी तेहरान में जारी विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच लगभग 1500 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। ये छात्र वहां अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन हालात बिगड़ने की वजह से वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ईरान के कई हिस्सों में प्रदर्शन हिंसक रूप धारण कर चुके हैं, जिससे स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।
परिवारों की चिंता और सुरक्षा की मांग
भारत में छात्र के परिजन बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि बच्चे सुरक्षित नहीं हैं और स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। कई परिवारों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है ताकि उनके बच्चों को वहां से सुरक्षित निकाला जा सके। परिजनों का कहना है कि वे लगातार अपने बच्चों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन हालात की वजह से संवाद में बाधा आ रही है।
ईरान में स्थिति क्यों खराब हुई?
ईरान में हाल ही में कई राजनीतिक और सामाजिक कारणों से प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस बीच विदेशी छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। भारतीय छात्रों के लिए स्थानीय परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हो रही हैं, क्योंकि वे पूरी तरह से सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे। सरकार और दूतावास द्वारा समय-समय पर सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जा रही है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
इजराइल में भी भारतीय नागरिक असुरक्षित
सिर्फ ईरान ही नहीं, बल्कि इजराइल में भी सुरक्षा की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। वहां पर रह रहे भारतीय नागरिक भी भयभीत हैं। सीमा तनाव और राजनीतिक विवादों के बीच कई भारतीय परिवारों ने अपने रिश्तेदारों से संपर्क कर उनके सुरक्षित रहने की खबर ली है। इजराइल में भी भारतीय दूतावास सतर्कता बरत रहा है और आवश्यक सुरक्षा सलाह दे रहा है।
भारत सरकार का रुख और संभावित कदम
भारत सरकार ने दोनों देशों में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। विदेश मंत्रालय और संबंधित दूतावास लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। संभावित निकासी योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जा सके। सरकार ने अपने नागरिकों से संयम बरतने और स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
ईरान और इजराइल में अस्थिर सुरक्षा परिस्थितियों के कारण भारतीय छात्र और नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। परिजन और सरकार दोनों की चिंता वाजिब है। ऐसे में आवश्यक है कि दोनों देशों में फंसे भारतीयों की जल्द से जल्द सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। भारतीय परिवारों की भावनाओं को समझते हुए, सरकार का दायित्व है कि वे हर संभव मदद प्रदान करें और स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखें।