प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जिन्हें मिठाई खिला रहे हैं… उन्हें आप बखूबी पहचान ही गए होंगे। भोपाल संभाग में इन्हें बीजेपी का कद्दावर नेता माना जाता है, और माना भी क्यों ना जाए क्योंकि चाचा के नाम से मशहूर हरि सिंह सप्रे विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। कुरवाई विधानसभा सीट से बड़ी जीत दर्ज करने वाले हरि सिंह सप्रे इस बार शिवराज कैबिनेट में मंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। इसकी पहली वजह… लगातार तीसरी बार अपनी सीट बचाना और दूसरी और सबसे अहम वजह विदिशा जिले से कांग्रेस का सफाया करना है। 2023 के विधानसभा चुनाव में 1 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर 26 हजार वोटों से बड़ी जीत दर्ज करने वाले सप्रे ने जीत का श्रेय खुद नहीं लिया, बल्कि इस जीत को सीएम शिवराज को समर्पित कर दिया।
जिले की पांचों सीटें बीजेपी की झोली में डालने वाली जनता, इस बार सरकार में जिले से एक मंत्री में देखना चाहती है। दरअसल पिछली शिवराज कैबिनेट में एक भी मंत्री विदिशा जिले से नहीं था। लेकिन 2023 में विदिशा जिले को एक बड़े विभाग के साथ मंत्री पद मिलने की अटकलें हैं। मंत्री बनने की इस रेस में हरि सिंह सप्रे का पलड़ा दूसरे विधायकों से भारी नजर आता है। सियासी जानकारों की मानें तो कुरवाई विधायक का क्षेत्र की जनता से सीधा संवाद है। समस्या बड़ी हो या छोटी हर बार सप्रे जनता के बीच पहुंचने में देर नहीं करते। इसके अलावा उनकी रणनीति और माइक्रो मैनेजमेंट इतना तगड़ा है कि उन्होंने चुनाव से पहले ही बीजेपी की 150 सीटें जीतने और विदिशा जिले की पांचों सीटों पर पार्टी की जीत का दावा कर दिया था।
ऐसे मिल सकता है मंत्री पद ?
बहरहाल अभी सबसे बड़ा सवाल ये भी है कि शिवराज सिंह चौहान को क्या पांचवी बार प्रदेश की कमान मिलेगी? यदि ऐसा होता है तो सोने पर सुहागा लेकिन यदि वे मुख्यमंत्री नहीं बनें तो नई कैबिनेट में कौन-कौन चेहरे शामिल होंगे ये अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन यदि शिवराज के सिर फिर ताज सजा तो हरि सिंह सप्रे की उम्मीदों को पंख जरूर मिलेंगे।