JDU-TDP Demand: 2014 के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी अकेले बहुमत का आंकड़ा पार करने में नाकाम रही है. अब बीजेपी को सरकार बनाने के लिए एनडीए में शामिल दलों पर निर्भर रहना होगा. एनडीए ने ये साफ कर दिया है कि वो नरेंद्र मोदी के साथ हैं. अब एक बार फिर खिचड़ी सरकार देश में होगी. यही कारण है कि ताजपोशी के पहले ही एनडीए में शामिल दलों के बीच मनभेद शुरू हो गया है.
जहां एक ओर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने अग्निवीर योजना को लेकर सोचने वाली बात कही तो वहीं चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने भी कई अहम मंत्रालय की मांग रख दी है. और पढ़ें…Rohit Sharma Records: आयरलैंड के खिलाफ हिटमैन ने खेली अर्धशतकीय पारी, बना दिए कभी न टूटने वाले कई रिकॉर्ड्स
जेडीयू ने क्या कहा?
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अग्निवीर योजना को लेकर वोटर्स का एक वर्ग नाराज है. हमारी पार्टी जेडीयू चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं उन पर विस्तार से चर्चा हो और उन्हें दूर किया जाए. वहीं यूसीसी पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर सीएम ने विधि आयोग प्रमुख को पत्र लिखे हैं. हम यूसीसी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सभी हितधारकों से बात करके इसका समाधान निकाला जाना चाहिए.”
टीडीपी ने रखी ये मांग
बीजेपी और जेडीयू के बाद एनडीए में सबसे मजबूत टीडीपी पार्टी है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो टीडीपी ने केंद्र में लोकसभा अध्यक्ष का पद और 6 महत्वपूर्ण मंत्रालय की मांग रखी है. 6 की जगह 5 मंत्रालय हो सकते हैं.
चिराग पासवान ने किया खबरों का खंडन
हालांकि किसी प्रकार की कोई मांग की खबरों पर LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने खंडन किया है. उन्होंने कहा, “मैं ऐसी सभी बातों का खंडन करता हूँ. कोई मांग नहीं है. कोई मांग हो ही नहीं सकती क्योंकि हमारा लक्ष्य प्रधानमंत्री को फिर से प्रधानमंत्री बनाना था. यह विशेषाधिकार प्रधानमंत्री के पास ही है कि वे अपने मंत्रिमंडल में किसको जगह देते हैं और किसको नहीं देते हैं.”