Kuwait Building Fire: कुवैत में एक इमारत में भीषण आग में 41 लोगों की मौत हो गई है। खबर है कि इनमें से कई भारतीय भी शामिल हैं। भारतीय दूतावास के अनुसार इस हादसे में 30 से अधिक भारतीय घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह कुवैत के दक्षिणी अहमदी प्रांत के मंगफ इलाके में छह मंजिला इमारत में आग लग गई थी। जिस ससम आग लगी उस समय करीब 160 लोग वहां मौजूद थे। बता दें वहां काम करने वाले ज्यादातर लोग भारतीय थे।
भारतीय दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने इसे लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। दूतावास का कहना है कि इस अग्निकांड में भारतीयों की मौत के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए +965-65505246 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। दूतावास की तरफ से हर संभव मदद का एलान किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में हुए अग्निकांड पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा ‘कुवैत में आग की दुर्घटना दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। कुवैत में भारतीय दूतावास द्वारा इस घटना पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।’ और पढ़ें…Mugwani News: राह चलते युवक के साथ लूट करने वाले तीनों आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, मोबाइल, समेत इन सामानों को किया बरामत
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जताया दुख
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा ‘कुवैत में आग की घटना से आहत हूं। इस घटना में 40 लोगों की मौत और 50 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की खबर है। हमारे राजदूत शिविर में गये हैं। हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं।’ विदेश मंत्री ने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने आशा जताई है कि जो लोग घायल हुए हैं वे जल्द ही पूर्ण स्वस्थ होंगे।
विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह कुवैत जाएंगे
कुवैत में हुए अग्निकांड के बाद पीएम मोदी के निर्देशों पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह कुवैत जाएंगे। वे वहां राहत कार्यों की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गए लोगों के शवों की शीघ्र स्वदेश वापसी के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। बता दें कि कुवैत में करीब 10 लाख भारतीय रहते हैं, जिनमें से करीब 9 लाख वहां रहकर काम करते हैं।