President Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को 27 जून गुरूवार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नई चुनी हुई मोदी सरकार के 5 सालों के कार्यों का रूपरेखा बताया। इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू हुआ। धन्यवाद प्रस्ताव के बाद दोनों सदनो को शुक्रवार तक के लिए सदन को स्थागित कर दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने आपातकाल पर करारा हमला बोला और कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। भारतीय संविधान ने बीते दशकों में हर चुनौतियों पर खरा उतरा है। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल भारतीय संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया, लेकिन देश ने ऐसी संवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है। और पढ़ें…SA Vs AFG: साउथ अफ्रीका ने रचा इतिहास, अफगानिस्तान को 9 विकेट से हराकर फाइनल में बनाई जगह
मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया है, जहां अनुच्छेद 370 के कारण स्थिति अलग थी।
लोकसभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में
उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है। दुनिया देख रही हैं कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई है। छह दशक बाद ऐसा हुआ है। ऐसे समय में जब भारत के लोगों की आकांक्षाएं सर्वोच्च स्तर पर हैं, लोगों ने मेरी सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है।
‘राज्य के विकास से देश का विकास’
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का मत है कि दुनियाभर से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्यों में स्वस्थ स्पर्धा हो। यही कंपटीटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की सच्ची स्पिरिट है।