आज 29 अगस्त 2024 को ‘हॉकी के जादूगर’ Major Dhyan Chand की 119वीं जयंती है। 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में जन्मे ध्यानचंद की जयंती पर हर साल देश में 29 अगस्त को खेल दिवस मनाया जाता है।

भारत के महान एथलीट रहे ध्यान चंद ने हॉकी की दुनिया में बड़ा नाम कमाया. उनकी उपलब्धियों के चलते साल 1956 में उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. बता दें की 29 अगस्त का दिन हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यान चंद्र के जन्मदिवस पर उनके सम्मान में खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह वर्ष 2012 से मनाया जा रहा है। इस दिन स्कूलों कॉलेजों आदि में विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
1928 एम्सटर्डम ओलंपिक से उनकी सफलता का जादू दुनिया ने देखना शुरू किया था।
साल 1928 के ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार स्वर्ण पदक जीता था। ध्यान चंद ने पूरे टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया था।
फाइनल में इस खिलाड़ी ने नीदरलैंड हॉकी टीम के खिलाफ हैट्रिक जड़ दी थी और आसानी से भारत ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।

पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने सबसे ज्यादा (14 गोल) दागे थे। उस समय एक अखबार ने उनके के लिए लिखा था कि वास्तव में ध्यान चंद ‘हॉकी के जादूगर’ हैं।
उसके बाद 1928, 1932 और 1936 लगातार तीन ओलंपिक में उन्होंने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। मेजर ध्यान चंद ने इसके बाद फिर से देश की सेवा करते हुए आर्मी में अपना ध्यान देना शुरू कर दिया। 1956 में वह आर्मी की नौकरी से रिटायर हुए और फिर उन्हें उसी साल भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया। 3 दिसंबर 1979 को दद्दा ने दुनिया को अलविदा कह दिया था पर देशवासियों के लिए सैकड़ों सालों तक याद रखने वाली या फिर कहें शायद कभी ना मिटने वाली अपनी उपलब्धियों की कहानियां छोड़ गए थे।

वह एकमात्र हॉकी खिलाड़ी हैं जिनके सम्मान में सरकार ने स्मारक डाक टिकट जारी किया है।
भारत सरकार ने 2002 में खेलों में आजीवन उपलब्धियों के लिए मेजर ध्यानचंद पुरस्कार की स्थापना की। यह खेलों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए व्यक्तियों को दिया जाता है।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, जिसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, का नाम मेजर ध्यानचंद के सम्मान में 2021 में बदल दिया गया। यह खेल के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार पिछले चार वर्षों में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए किसी भारतीय खिलाड़ी को प्रदान किया जाता है।