धारावी झुग्गी बस्ती में शनिवार को उस समय तनाव हो गया, जब सैकड़ों लोग एक मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को गिराने की बीएमसी की योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद लगभग 60 साल पुरानी है और इसमें पिछले कुछ वर्षों में कई सुधार कार्य किए गए हैं। मस्जिद का निर्माण ग्राउंड प्लस 2 मंजिल के हिसाब से किया गया था, लेकिन बढ़ती जनसंख्या के कारण इसमें एक अतिरिक्त मंजिल और भी जोड़ी गई थी। इस मस्जिद में बारिश का पानी घुसने की समस्या भी थी, जिसके चलते मरम्मत का कार्य आवश्यक हो गया था।

(बीएमसी) के कर्मचारी धारावी में 90 फीट रोड पर 25 साल पुरानी महबूब-ए-सुब्हानी मस्जिद के एक अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने पहुंचे। बता दें जी-उत्तर प्रशासनिक वार्ड से बीएमसी अधिकारियों का एक दल सुबह करीब नौ बजे धारावी के 90 फुट रोड पर स्थित महबूब-ए-सुब्हानी मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को गिराने के लिए पहुंचा था। वहां जल्द ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जमा हो गए। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को उस गली में जाने से रोक दिया जहां मस्जिद स्थित है।
गुस्साए लोगों ने नगर निगम की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है। इस बीच धारावी के अधिकार क्षेत्र वाले उत्तर-मध्य मुंबई लोकसभा क्षेत्र की सांसद वर्षा गायकवाड़ घटना स्थल पर पहुंचीं। गायकवाड़ ने लोगों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। मस्जिद के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई को भी निलंबित कर दिया गया है। यह काम छह दिन के लिए स्थगित किया गया है।
स्थानीय मुस्लिम समुदाय का कहना है कि यह मस्जिद उनके लिए धार्मिक महत्व रखती है और इसके खिलाफ कार्रवाई करना गलत है। उन्होंने इस मस्जिद की ऐतिहासिकता को भी उजागर किया और बताया कि यह इलाके के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। इस विवाद के निपटारे के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस मामले की गंभीरता को समझते हुए आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेंगे और सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत करेंगे।