प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पैसे किसानों के खाते में शनिवार को आए। प्रत्यक्ष अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला है। पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम से योजना की 18वीं किस्त जारी की।
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम को 24 फरवरी, 2019 को लॉन्च किया गया था. इसमें 3 बराबर किस्तों में किसानों को सालाना 6,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से यह पैसा किसानों के अकाउंट में जाता है. महाराष्ट्र में इस योजना की 17 किस्तों में लगभग 1.20 करोड़ किसानों को करीब 32,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं. यह भारत में दूसरे नंबर पर आता है. सम्मान निधि की 18वीं किस्त में राज्य के लगभग 91.51 लाख किसानों को 1,900 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा. इसके अलावा पीएम मोदी ने नमो शेतकारी महासम्मान निधि योजना की 5वीं किस्त के तहत महाराष्ट्र के किसानों को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ भी दिया.
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फड़नवीस आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम में 732 कृषि विज्ञान केंद्र, 1 लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और देश भर के 5 लाख सामान्य सेवा केंद्र समेत लगभग 2.5 करोड़ किसान वेबकास्ट के माध्यम से शामिल हुए.
शुरुआत में जब PM-किसान योजना शुरू की गई थी (फरवरी, 2019), इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वो किसान शामिल थे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी। जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और सभी किसान परिवारों के लिए इसे एक्सटेंड कर दिया गया।
हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी इस योजना से बाहर रखा गया है। PM किसान से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं।
इस योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक मदद कर उन्हें खेती-बाड़ी के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी आय में सुधार हो सके. पिछली बार 18 जून 2024 को 9.25 करोड़ किसानों को ये राशि मिली थी, यानी इस बार लगभग 25 लाख नए किसान भी लाभार्थियों में शामिल हुए हैं.