Ratlam Garba: मध्य प्रदेश रतलाम के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने अपने समुदाय से नवरात्रि मेलों और गरबा से दूर रहने की अपील की है। हिंदू संगठनों ने गरबा पंडालों में अश्लीलता, अश्लीलता और गैर-हिंदुओं को दूर रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के काजी मोहम्मद सैयद काजी अहमद अली ने जिले के सभी मुसलमानों, खासकर युवाओं और महिलाओं से मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए नवरात्रि मेलों और गरबा से दूर रहने की लिखित अपील जारी की है। 2 अक्टूबर को जारी छह लाइन की अहम गुजारिश में कहा गया है, “रतलाम के पूरे मुस्लिम समुदाय, खासकर युवाओं और महिलाओं से अपील है कि वे नवरात्रि मेलों और गरबा में न जाएं, बल्कि मौजूदा समय और हालात को ध्यान में रखते हुए घर के अंदर ही रहें। बाजारों और मेलों में घूमना इस्लाम में जायज नहीं है, इसलिए रतलाम के मुसलमानों को मेलों और गरबा से सख्ती से दूर रहना चाहिए।”
शहर काजी ने ये भी कहा
अपील के कारणों को बताते हुए मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा, “ऐसे समय में जब गरबा आयोजक और धार्मिक संगठन खुलेआम कह रहे हैं कि गैर-हिंदुओं (खासकर मुसलमानों) को गरबा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और अगर वे गरबा पंडालों में पकड़े गए तो उन्हें सबक सिखाया जाएगा, यह अपील रतलाम के मुसलमानों के लिए है। सिर्फ रतलाम ही नहीं, मैं अन्य जगहों के मुसलमानों से भी अपील करता हूं कि वे घरों के अंदर रहें और अपनी सुरक्षा के साथ-साथ सांप्रदायिक शांति बनाए रखने के लिए गरबा में जाने से सख्ती से बचें।”वरिष्ठ धर्मगुरु की यह अपील सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील रतलाम जिले के सभी प्रमुख गरबा पंडालों द्वारा पंडालों के बाहर बैनर और पोस्टर लगाए जाने के मद्देनजर की गई है, जिसमें “पंडालों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध” की जानकारी दी गई है।
गरबा आयोजकों का कहना है
गरबा आयोजकों ने कहा, “गरबा देवी दुर्गा की भक्ति का त्योहार है, जहां सभी सनातनियों का स्वागत किया जाता है। लेकिन गैर-हिंदुओं के लिए कोई जगह नहीं होगी, क्योंकि वे मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं।
लव जिहाद के खतरे का रखा ध्यान
गैर-हिंदुओं के गरबा पंडालों में प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध यह सुनिश्चित करेगा कि लव जिहाद के खतरे को ध्यान में रखते हुए इन पंडालों में प्रवेश करने वाले युवाओं में से कोई भी इन पंडालों में प्रवेश न कर सके।