दिल्लीः 13 घंटे से ज्यादा की लंबी बहस के बाद गुरुवार रात वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा से पास हो गया है। इस बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। यह बिल पहले लोकसभा से भी पास हो चुका था, और अब यह राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जहां से राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद यह कानून बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बिल को लेकर दावा किया है कि इससे देश के गरीब और पसमांदा मुसलमानों के साथ-साथ इस समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसे पारदर्शिता (ट्रांसपैरेंसी), जवाबदेही (अकाउंटेबिलिटी) और सटीकता (एक्यूरेसी) को बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया। वहीं, वक्फ संशोधन बिल पर प्रतिक्रिया देने वाले दलों में मतभेद नजर आए। जेडीयू ने मोदी सरकार के इस बिल का समर्थन किया, जबकि पांच मुस्लिम नेताओं ने इसके विरोध में पार्टी छोड़ दी। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजु ने कहा कि इस बिल में मुख्य रूप से वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए बदलाव किए गए हैं।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार के इरादों पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ की भूमि किसे देने जा रही है, यह स्पष्ट नहीं है। उनका यह भी कहना था कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के लिए हानिकारक है और संविधान के खिलाफ है। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बिल के समर्थन में कहा कि यह बिल लोकतंत्र और वाद-विवाद की प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह सरकार का सही कदम है। शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने इस बिल पर विरोध जताया और सरकार से यह सवाल किया कि अगर उन्हें मुस्लिमों की चिंता है तो पहले कश्मीरी पंडितों की ज़मीन और चीन से खसिया हुई ज़मीन पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि, इस बिल को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच भी मिश्रित प्रतिक्रियाएं आईं। जहां कुछ मुस्लिम नेता और समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं अलीगढ़ के कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर के बाहर कई मुसलमानों ने खुशी का इज़हार किया। वहां जमा हुए लोगों ने फुलझड़ियां जलाकर, मोमबत्तियां प्रज्वलित करके और मिठाई बांटकर इस बिल के पास होने पर खुशी जाहिर की। समर्थक मुस्लिम समुदाय का कहना है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग अब मुसलमानों के विकास के लिए किया जाएगा, जैसे कि छात्रवृत्तियों का वितरण, विधवा महिलाओं को पेंशन और स्कूल तथा मेडिकल कॉलेज की स्थापना। उनका मानना है कि इससे समाज में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में भी सुधार होगा। इस बिल के पारित होने के बाद, यह वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और विकास के रास्ते खोलने की उम्मीद जगी है, जिससे मुस्लिम समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार संभव हो सके।