मणिपुर में 13 फरवरी से लागू राष्ट्रपति शासन के बीच बुधवार को 10 विधायकों ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा विधायक, 1 NPP और 1 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। दावा किया गया है कि उनके पास कुल 44 विधायकों का समर्थन है, जो 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 31 से काफी ऊपर है।
मणिपुर में राजनीतिक हालात और सरकार बनाने का दावा
राज्य में 9 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। बीजेपी के थोकचोम राधेश्याम ने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर 44 विधायक राज्य में नई सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को 22 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा है, जो NDA समर्थित हैं।
हिंसा और सामाजिक संकट का पृष्ठभूमि
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। 3 मई 2023 से अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 1500 से ज्यादा घायल और 70 हजार से अधिक विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR भी दर्ज हो चुकी हैं। इस हिंसा के कारण भाजपा सरकार के नेतृत्व वाले एन बीरेन सिंह पर लगातार दबाव था, जो अंततः उनके इस्तीफे का कारण बना।
विधानसभा में राजनीतिक समीकरण
मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। भाजपा के 37 विधायक हैं, जो बहुमत से 6 ज्यादा हैं। इनके अलावा NDA के कुल 42 विधायक हैं, जिसमें नेशनल पीपल्स फ्रंट (NPF) के 5 विधायक शामिल हैं। कांग्रेस के पास विधानसभा में 5 विधायक हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विपक्ष की मांग
9 फरवरी को एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरंत मणिपुर जाकर स्थिति की समीक्षा करने और वहां शांति बहाल करने की अपील की थी। राहुल गांधी ने कहा था कि हिंसा के बावजूद मोदी ने एन बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा, लेकिन बढ़ते दबाव और सुप्रीम कोर्ट की जांच के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
गहन मोड़ पर मणिपुर की राजनीति
मणिपुर की राजनीतिक परिस्थिति अब एक बार फिर गहन मोड़ पर है। भाजपा और उसके सहयोगी विधायकों द्वारा सरकार बनाने का दावा नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म दे सकता है। वहीं राज्य में जारी हिंसा और सामाजिक तनाव को जल्द खत्म करना आवश्यक है ताकि आम जनता की सुरक्षा और विकास सुनिश्चित किया जा सके।