देश में कोरोना वायरस के मामलों में फिर से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 1,326 तक पहुंच गई है, जबकि मौतों की संख्या 14 हो गई है। इनमें से अधिकांश मौतें बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों की हैं।
JN.1 वैरिएंट: क्या है इसकी विशेषता?
JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 सबलाइन से उत्पन्न एक नया कोविड-19 वैरिएंट है। इसमें स्पाइक प्रोटीन में L455S नामक म्यूटेशन पाया गया है, जो इसे इम्यूनिटी से बचने में सक्षम बनाता है। हालांकि, इस वैरिएंट के कारण गंभीर बीमारी का खतरा अन्य ओमिक्रॉन सबलाइन की तुलना में अधिक नहीं है।
क्या मौजूदा वैक्सीनेशन JN.1 पर प्रभावी है?
हालांकि JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी को कुछ हद तक चकमा दे सकता है, मौजूदा कोविड-19 वैक्सीनेशन गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाव में प्रभावी है। विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीनेशन से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत रहती है, जो नए वैरिएंट से लड़ने में मदद करती है।

लक्षण और सावधानियां
JN.1 वैरिएंट के सामान्य लक्षणों में बुखार, गले में खराश, खांसी, थकान, नाक बहना और कभी-कभी दस्त शामिल हैं। हालांकि, यह अन्य ओमिक्रॉन वैरिएंट्स की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है। फिर भी, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

JN.1 से घबराने की जरूरत नहीं, सावधानी जरूरी
कोरोना की चौथी लहर के दौरान नए वैरिएंट JN.1 के मामलों में वृद्धि हो रही है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। मौजूदा वैक्सीनेशन गंभीर बीमारी से बचाव में प्रभावी है। सतर्कता, मास्क का उपयोग, और सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक है।