ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने 2 जून 2025 को वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 35 वर्षीय मैक्सवेल ने अपने 13 साल लंबे वनडे करियर को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपने धमाकेदार अंदाज़ और हरफनमौला खेल से क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में खास जगह बनाई थी। मैक्सवेल का यह फैसला ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए एक बड़े युग के अंत जैसा माना जा रहा है।
2012 में किया था डेब्यू
ग्लेन मैक्सवेल ने अपना वनडे डेब्यू अगस्त 2012 में श्रीलंका के खिलाफ किया था। शुरुआत से ही उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और उपयोगी ऑफ-स्पिन गेंदबाज़ी से सभी का ध्यान खींचा। उन्हें “द बिग शो” के नाम से भी जाना जाता है, जो उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी शैली का प्रतीक बन गया।
ऐसा रहा वनडे करियर
मैक्सवेल ने अपने वनडे करियर में कुल 145 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 4,000 से अधिक रन बनाए। उनके नाम 12 अर्धशतक और 3 शतक दर्ज हैं। उन्होंने लगभग 34 की औसत और 120 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जो इस फॉर्मेट में उनकी आक्रामकता को दर्शाता है। गेंदबाजी में भी उन्होंने उपयोगी योगदान दिया और 60 से अधिक विकेट अपने नाम किए।
2023 वर्ल्ड कप में निभाई थी अहम भूमिका
ग्लेन मैक्सवेल ने 2023 में भारत में हुए वनडे वर्ल्ड कप में यादगार प्रदर्शन किया था। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ अपने दम पर खेलते हुए 201* रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी, जिसे वनडे इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में गिना जाता है। उस पारी में उन्होंने न सिर्फ मैच जिताया बल्कि अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने में भी बड़ी भूमिका निभाई।
टी20 और टेस्ट क्रिकेट में जारी रहेगा सफर
हालांकि मैक्सवेल ने वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, लेकिन वे अब भी टी20 और टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे। टी20 क्रिकेट में उनकी मांग दुनियाभर की फ्रेंचाइज़ी लीग्स में बनी हुई है। आईपीएल, बीबीएल और अन्य लीग्स में वे एक स्टार खिलाड़ी के रूप में लगातार खेलते रहे हैं।
भावुक होकर दी विदाई
संन्यास की घोषणा करते हुए मैक्सवेल ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे क्रिकेट खेलना मेरे लिए गर्व की बात रही। मैंने इस फॉर्मेट में जो कुछ भी हासिल किया, वह मेरे सपनों से भी बढ़कर है। अब समय है कि मैं नई पीढ़ी को मौका दूं और खुद टी20 और टेस्ट फॉर्मेट पर ध्यान केंद्रित करूं।”
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में खालीपन
मैक्सवेल के संन्यास के साथ ही ऑस्ट्रेलिया को एक ऐसे खिलाड़ी की कमी खलेगी जो किसी भी परिस्थिति में मैच का रुख पलटने की क्षमता रखता था। मैदान पर उनकी उपस्थिति न केवल प्रदर्शन में बल्कि टीम की ऊर्जा में भी झलकती थी।
ग्लेन मैक्सवेल का वनडे करियर भले ही अब समाप्त हो गया हो, लेकिन क्रिकेट के मैदान पर उनकी छाप आने वाले वर्षों तक बनी रहेगी। उनके प्रशंसक उन्हें टी20 में खेलते देखना जारी रखेंगे, और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।