भोपाल के ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन आरओबी की पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह को शुक्रवार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद ब्रिज को लेकर निर्णय लिए जा सकेंगे। हालांकि, 90 डिग्री के मोड़ को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें 35-40 किमी प्रति घंटा से अधिक गति से गाड़ी नहीं चलाने का सुझाव दिया गया है। इससे अधिक स्पीड में गाड़ी चली तो हादसा होने का खतरा है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह की जानकारी में आने के बाद उन्होंने एनएचएआई के अफसरों से संपर्क किया और उनसे रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद एनएचएआई की टीम भी मौके पर पहुंची और रिपोर्ट तैयार की है। मंत्री सिंह ने सोशल मीडिया पर भी जानकारी दी है कि शुक्रवार को तकनीकी रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई होगी।
अजीब डिजाइन बना मजाक का कारण
दरअसल, राजधानी में बना यह रेलवे ओवर ब्रिज इन दिनों अपनी अनोखी डिजाइन के कारण सुर्खियों में है। लोग सोशल मीडिया पर इसके मीम्स बना रहे हैं। इस ब्रिज पर 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां वाहन कैसे टर्न लेंगे। वाहनों के या तो ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकराने का खतरा बना रहेगा।
ब्रिज से वाहन गिरने का खतरा
इस बारे में मैनिट के ट्रैफिक एक्सपर्ट डॉ. सिद्धार्थ रोकड़े ने कहा कि यदि जगह की कमी के कारण एंगल कम दिया जाए तो गाड़ियों की स्पीड पर नियंत्रण जरूरी है। यहां सिर्फ साइन बोर्ड लगाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि यहां स्पीड कम करने के तरीके अपनाने होंगे। यदि यह नहीं किए गए तो गाड़ी नीचे गिर सकती है।
जबलपुर में मंत्री से सवाल
इस मामले में एक दिन पहले बुधवार को जबलपुर में पीडब्ल्यूडी मंत्री सिंह से सवाल किया तो उनका कहना था कि इस तरह के ब्रिज बनने के बाद अचानक ही कुछ विशेषज्ञ आते हैं और इस तरह की बात करते हैं। कोई भी ब्रिज या पुल जब बनते हैं, तो बहुत सारे तकनीकी पहलुओं से गुजरने के बाद फैसला होता है।
अगर ये कोई आरोप है, तो इसका परीक्षण कर जांच करवा ली जाएगी। मंत्री के जांच की बात कहने के बाद गुरुवार को इंजीनियरों की टीम मौके पर पहुंची थी।
क्रॉसिंग बंद होने से इसकी जरूरत
ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे ने भी 90 डिग्री की इस टर्निंग पर आपत्ति की थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यहां जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा कि और कोई विकल्प नहीं है। ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बाद इस इलाके के लिए आरओबी एक बड़ी जरूरत है। इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा।
मई 2022 में शुरू हुआ निर्माण
इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से नहीं बन सका है। इसकी लागत 18 करोड़ रुपए है। 648 मीटर लंबे और 8 मीटर की चौड़ाई वाले ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है।