ग्राम संग्रामपुर और रायसेना में शुक्रवार रात आई तेज आंधी-तूफान ने खेतों में तबाही मचा दी… केला फसलों के पौधे जमींदोज हो गए… किसान फिर से संकट में हैं सांसद ज्ञानेश्वर पाटील के निर्देश पर शनिवार सुबह भाजपा युवा नेता गजेंद्र पाटील प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर पहुंचे।
फसल हुई नष्ट
बुरहानपुर जिले में अचानक आई भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। किसानों की वर्षों की मेहनत से उपजी फसलें एक ही दिन में तबाह हो गईं, जिससे इलाके में मायूसी और चिंता का माहौल छा गया है।
किसान ने पुरी साल की थी मेहनत
स्थानीय किसान बताते हैं कि इस वर्ष फसल अच्छी होने के बाद अचानक आसमान से आई भारी बारिश और बाद में ओले गिरने से उनकी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। गेहूं, चना, सरसों और अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई किसानों की फसल जमीन पर बिछ गई है, जिससे उनकी आमदनी पूरी तरह ठप हो गई है।
किसानों का कहना है कि उन्होंने पूरे साल मेहनत की थी और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर अपनी फसल की सुरक्षा की कोशिश की, लेकिन प्राकृतिक आपदा के सामने उनकी सारी मेहनत बेकार हो गई। इस नुकसान के कारण कई परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।

जल्द मिलेगा मुआवजा
गजेंद्र पाटील ने कहा हम किसान भाइयों के साथ खड़े हैं। सर्वे शुरू हो चुका है और मुआवजा जल्द मिलेगा।किसानों का कहना है कि कुछ ही मिनटों की आंधी ने महीनों की मेहनत बर्बाद कर दी इधर सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने जिला कलेक्टर से बात कर तत्काल सर्वे दल गठित करने के निर्देश दिए… और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार की मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ भी दिलाया जाएगा निरीक्षण में भाजपा नेता गजेंद्र पाटील के साथ मंडल अध्यक्ष नितिन महाजन, पिछड़ा मोर्चा अध्यक्ष सुनील वाघे, सरपंच मुकेश बोडडे, तहसीलदार रावत सहित अन्य अधिकारी व ग्रामीण किसान मौजूद रहे।पॉज़िटिव और भरोसे से भरे स्वर में प्राकृतिक आपदा भले ही बार-बार किसानों की फसलें उजाड़ रही हो… लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधि भरोसा दिला रहे हैं कि इस संकट की घड़ी में किसान अकेले नहीं हैं..
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने भविष्य में भी ऐसी अप्रत्याशित बारिश और ओलावृष्टि की आशंका जताई है, जिसके लिए किसानों को सतर्क रहने और आवश्यक बचाव उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।बुरहानपुर की अर्थव्यवस्था में कृषि का बड़ा योगदान है, इसलिए किसानों के हितों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाना आवश्यक है। इस आपदा से सीख लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर योजनाएं बनाना भी जरूरी होगा।
स्थानिय प्रशासन से आग्रह
इस बीच, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए आपातकालीन सहायता केंद्र स्थापित किए हैं, जहाँ वे अपने नुकसान की रिपोर्ट कर सकते हैं और राहत सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। किसानों की उम्मीद है कि सरकार उनके साथ खड़ी होगी और जल्द से जल्द उन्हें उनके नुकसान का उचित मुआवजा मिलेगा, जिससे वे फिर से मेहनत कर अपनी जीविका चला सकें। किसान संगठनों ने भी सरकार से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करें ताकि वे इस आपदा से उबर सकें। उन्होंने मौसम पूर्वानुमान की बेहतर व्यवस्था और फसल बीमा योजना को सुदृढ़ करने की भी मांग की है।