केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने पचमढ़ी में आयोजित एक बैठक में पार्टी के सांसदों और विधायकों को सख्त हिदायत दी है कि वे अपने बयानों में सावधानी बरतें और गलत बयानबाजी से बचें। अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा कि नेता जब एक बार गलती कर जाते हैं, तो इसका असर पार्टी की छवि और जनमत पर पड़ता है, इसलिए यह जरूरी है कि गलती दोबारा न हो। अमित शाह ने अपनी नसीहत में कहा कि नेताओं का जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार ही पार्टी की मजबूती का आधार है। उन्होंने कहा, “नेता होने का मतलब है जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना। गलत बयानबाजी से न सिर्फ आपकी व्यक्तिगत छवि खराब होती है, बल्कि पूरे संगठन को नुकसान पहुंचता है। इसलिए, हमें हमेशा सोच-समझकर बोलना चाहिए।” शाह ने ये बातें पचमढ़ी में आयोजित भाजपा सांसद-विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग में कही।
तीन दिन तक चलेगा कार्यक्रम
तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सरकार के सभी मंत्री-विधायक, लोकसभा-राज्यसभा सांसद शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पूरे तीन दिन कार्यक्रम में मौजूद रहे। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। प्रशिक्षण वर्ग में संबोधन के बाद शाह भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं।
अभियान के तहत पौधारोपण
इससे पहले पचमढ़ी के कैंट क्षेत्र में कब्रिस्तान के बगल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक एल मुरूगन, दुर्गादास उईके, सावित्री ठाकुर, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने भी विधायकों-सांसदों के साथ एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण किया। पार्क का नाम अटल वाटिका रखा गया है।
आगामी चुवाव के लिए पहल
विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा के भीतर नेताओं की बयानबाजी पर नियंत्रण पाने की यह पहल आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक मजबूती का संकेत है। इससे पार्टी को न केवल चुनावी मोर्चे पर फायदा मिलेगा, बल्कि सार्वजनिक दृष्टिकोण भी सकारात्मक रहेगा।
अमित शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी का स्तर काफी बढ़ गया है और अक्सर विवादित बयान राजनीति को तनावपूर्ण बना देते हैं। इसलिए अमित शाह की नसीहत नेताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि जिम्मेदारी और संयम राजनीति की नींव हैं।