अहमदाबाद विमान हादसे को हुए 4 दिन हो चुके हैं। इन चार दिनों में सभी 250 शवों का DNA सैंपल ले लिया गया है। वहीं अब तक कुल 92 DNA मैच भी हो गए हैं, जिनमें से 47 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया हैं। इस बीच रविवार को गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी के शव की पहचान कर ली गई है। आज चार्टर्ड प्लेन से उनके शव को राजकोट ले आया गया जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ। वहीं गृह मंत्री अमित शाह, रूपाणी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
राजकोट में हुआ अंतिम संस्कार
राजकोट में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का अंतिम संस्कार शोक की भारी छाया में संपन्न हुआ। उनके निधन की खबर से पूरे गुजरात में शोक की लहर दौड़ गई है। पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान पर अंतिम दर्शन के लिए लाया गया, जहां समर्थकों और जनता ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का पार्थिव शरीर उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। हजारों लोग, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और आम जनता ने वहां पहुंचकर उन्हें अंतिम बार श्रद्धांजलि दी। श्रद्धालुओं की भीड़ ने उनके प्रति गहरा सम्मान और संवेदना व्यक्त की।
राजनीतिक दलों और शीर्ष नेताओं की मौजूदगी
अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री, गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी राजकोट पहुंचकर विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। इस मौके पर राजनीतिक और सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया गया। अमित शाह ने कहा कि विजय रूपाणी का योगदान गुजरात के विकास और राजनीति में अमूल्य रहा है।
विजय रूपाणी का राजनीतिक सफर
विजय रूपाणी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनकी नीति और नेतृत्व के कारण गुजरात राज्य में कई विकास परियोजनाओं को गति मिली। वे जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थे और उनके निधन से राज्य की राजनीति में एक बड़ी कमी महसूस की जा रही है।
सभी नेताओं ने किया शोक व्यक्त
राज्य के अन्य कई वरिष्ठ नेता और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी शोक व्यक्त करने के लिए पहुंचे। उन्होंने विजय रूपाणी के व्यक्तित्व और सेवा को याद किया तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। राजकोट में आयोजित अंतिम संस्कार समारोह में पारंपरिक विधि-विधान के अनुसार उन्हें विदाई दी गई। राज्य सरकार ने इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था और शोक जताने वालों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा।
विजय रूपाणी के निधन से गुजरात की राजनीति और जनता दोनों गहरे सदमे में हैं। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी ने उनके प्रति सम्मान और प्यार को साबित किया। गुजरात सरकार ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और सभी नागरिकों से शोक प्रकट करने का आग्रह किया है।