राजधानी भोपाल के सबसे चर्चित और यातायात के लिहाज से सबसे अधिक प्रभावित स्थानों में शामिल 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज को अब रीडिजाइन किया जाएगा। यह ब्रिज पिछले कई वर्षों से ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाओं और सार्वजनिक असुविधा का कारण बना हुआ है। अब नगर निगम और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से इस पुराने ब्रिज को नया रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ब्रिज की संरचना बनी परेशानी की जड़
शहर के बीचों-बीच स्थित यह ब्रिज, जो 90 डिग्री के तीखे मोड़ के कारण बदनाम है, हर दिन हजारों वाहनों का बोझ झेलता है। सुबह और शाम के समय यहाँ भीषण जाम लगना आम बात हो गई है। साथ ही, कई बार तीखे मोड़ पर वाहन फिसलने या संतुलन खोने से दुर्घटनाएं भी होती रही हैं। स्थानीय निवासी और वाहन चालक लंबे समय से इस मोड़ को सुधारने की मांग कर रहे थे।
रीडिजाइन के लिए आईआईटी विशेषज्ञों की टीम करेगी निरीक्षण
नगर निगम ने ब्रिज के रीडिजाइन के लिए आईआईटी इंदौर और स्थानीय तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों की मदद ली है। प्रारंभिक निरीक्षण में टीम ने पाया कि ब्रिज की मौजूदा चौड़ाई, मोड़ का कोण और एप्रोच रोड की स्थिति दुर्घटनाओं और जाम का मुख्य कारण हैं। प्रस्तावित योजना के तहत ब्रिज को चौड़ा किया जाएगा, मोड़ को कम तीव्र बनाया जाएगा और ट्रैफिक फ्लो को बेहतर करने के लिए बायपास या सिग्नल-मुक्त रूट पर भी विचार किया जा रहा है।
2 चरणों में होगा काम, यातायात रहेगा सीमित
रीडिजाइन का काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में ब्रिज के एक हिस्से को बंद कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, जबकि दूसरे हिस्से से एकतरफा यातायात को अनुमति दी जाएगी। दूसरे चरण में शेष हिस्सा बनाया जाएगा। इस दौरान वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाएगी ताकि आम जनता को अधिक परेशानी न हो।
नगर निगम आयुक्त ने बताया,“यह प्रोजेक्ट राजधानी के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। हमारी कोशिश है कि न्यूनतम समय में उच्च गुणवत्ता का निर्माण पूरा हो और जनता को स्थायी समाधान मिले।”
परियोजना की लागत और समयसीमा
इस परियोजना के लिए लगभग 42 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। निर्माण कार्य अगस्त 2025 से शुरू होने की संभावना है और इसे मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ठेकेदार चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और टेंडर जल्द ही जारी किए जाएंगे।
स्थानीय लोगों में उम्मीद की किरण
ब्रिज के रीडिजाइन की खबर से स्थानीय नागरिकों में आशा की लहर है। क्षेत्रीय दुकानदारों, ऑफिस कर्मचारियों और स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है।
शीतल नगर निवासी राकेश गुप्ता कहते हैं,
“हर रोज ऑफिस जाने में 20-30 मिनट जाम में फंसना पड़ता है। अगर ब्रिज का मोड़ सुधर जाएगा तो बहुत राहत मिलेगी।”
राजनीतिक और प्रशासनिक समर्थन भी मिला
मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री ने इस रीडिजाइन प्रोजेक्ट को “जन-हितैषी” बताया है और इसे शहर के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने निर्माण की निगरानी के लिए विशेष समिति के गठन का आदेश भी दिया है, जो समय-समय पर प्रगति की समीक्षा करेगी।
स्मार्ट सिटी योजना से जोड़ा जा सकता है प्रोजेक्ट
नगर निगम इसे स्मार्ट सिटी योजना से भी जोड़ने की तैयारी कर रहा है, ताकि अतिरिक्त फंडिंग और तकनीकी सहायता मिल सके। इस दिशा में केंद्र सरकार से भी संपर्क साधा गया है।
भोपाल के इस पुराने और विवादित ब्रिज के रीडिजाइन होने से ना केवल ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी बल्कि यह शहर की यातायात व्यवस्था को भी आधुनिक स्वरूप देगा। एक बेहतर ब्रिज, सुगम यातायात और सुरक्षित यात्रा की दिशा में यह कदम भोपाल के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।