खरगोन जिले के शिवना क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की बड़ी कमी उजागर
खरगोन जिले के शिवना क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की लापरवाही से एक आदिवासी महिला ने नवजात खो दिया। न समय पर एम्बुलेंस मिली, न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव उपचार। ग्रामीणों ने अधिकारियों से बेहतर चिकित्सा सुविधा और नई एम्बुलेंस की मांग की।
खरगोन। जिले के शिवना क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। न समय पर एम्बुलेंस पहुंच रही है और न ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव पीड़ा के दौरान उचित उपचार मिल पा रहा है। इसी लापरवाही का खामियाजा बुधवार 27 अगस्त 2025 को ग्राम साका की एक आदिवासी प्रसूता महिला को भुगतना पड़ा, जब समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध न होने और इलाज में देरी के कारण नवजात की मौत हो गई।
घटना कैसे हुई
ग्राम पंचायत साका की ममता पति प्रकाश (28) को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। परिजन अनिल जाधव ने शाम 5:27 बजे एम्बुलेंस कॉल किया, लेकिन चालक ने पैसे की मांग की और करीब एक घंटे की देरी से आने की बात कही। मजबूरी में परिवारजन ममता को निजी वाहन से शिवना अस्पताल लेकर पहुंचे। रास्ते में बच्चे के पैर बाहर आ चुके थे।शिवना अस्पताल से इमरजेंसी केस बताकर महिला को खरगोन रेफर कर दिया गया। इससे और समय गंवाना पड़ता, इसलिए परिवार ने प्राइवेट वाहन से खंडवा अस्पताल पहुंचाया। 1.30 घंटे की मशक्कत के बाद महिला अस्पताल पहुंची, लेकिन डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। ममता की स्थिति फिलहाल स्थिर है, पर नवजात की मौत से परिवार सदमे में है।
विजय सिंह (CFA) ने कहा कि –
एम्बुलेंस का समय पर न पहुंचना गंभीर चिंता का विषय है।
आभापुरी क्षेत्र को मुख्य स्वास्थ्य अस्पताल में बदलना चाहिए।
जल्द से जल्द क्षेत्र को एक नई एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जाए।
बड़ा सवाल
सरकार की योजनाओं और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं के बावजूद ग्रामीण आज भी मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्यों हैं? क्या जिम्मेदार अधिकारी इस लापरवाही की जिम्मेदारी लेंगे?