वरिष्ठ नेता, भाजपा किसान मोर्चा, जम्मू और कश्मीर (पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य) ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की
श्रीनगर, 15 सितंबर 2025।जम्मू और कश्मीर का फल उद्योग इस समय अस्तित्व के अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) के लंबे समय तक बंद रहने और जीर्णोद्धार में देरी के कारण अब तक प्रदेश को ₹700 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। इस हालात ने हजारों किसानों की आजीविका पर सीधा असर डाला है और कश्मीर की फल अर्थव्यवस्था को गंभीर वित्तीय संकट में धकेल दिया है।
सेब की खेती पर सबसे ज्यादा असर
प्रदेश की बागवानी—विशेषकर सेब की खेती—जम्मू और कश्मीर की असली आर्थिक रीढ़ मानी जाती है। लेकिन लगातार रुकावटों के कारण यह फसल और इस पर निर्भर किसान परिवार अब गंभीर खतरे में हैं। सेब केवल एक फल नहीं, बल्कि किसानों की साल भर की मेहनत, समर्पण और क्षेत्र की आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है।
केंद्र व राज्य से अपील
भाजपा किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता ने इस कठिन समय में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त किसानों, व्यापारियों और फल उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों को तुरंत राहत प्रदान की जाए।
प्रमुख मांगें
मंडियों से फलों के निर्बाध परिवहन के लिए समर्पित मालवाहक उड़ानें और विशेष रेल सेवाएँ शुरू की जाएँ।किसानों और व्यापारियों को हुए भारी वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए विशेष राहत पैकेज घोषित किया जाए।भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए दीर्घकालिक और स्थायी तंत्र का निर्माण हो।जब तक NH-44 पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाता, मुगल रोड (शोपियां-राजौरी-पुंछ मार्ग) को भारी मालवाहक वाहनों के लिए 24 घंटे खुला रखा जाए।