Agar Malwa News: ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के तमाम दावे सरकार करती है, करोड़ों रुपए विकास के नाम पर खर्च भी होते हैं, लेकिन इसके विपरीत हकीकत कुछ और ही होती है। आगर मालवा का एक गांव ऐसा भी है जो पिछले कई सालों से विकास कि राह देख रहा है। इस गांव के साथ विकास के नाम पर हो रहे सोतेले व्यवहार से ग्रामीणों का आक्रोश फुट पड़ा और प्रशासन के दल को विकास कि बयार देखने गांव में आना पड़ा।
हम बात कर रहे हैं आगर मालवा जिले के ग्राम नरला कि यह बड़ोद जनपद कि खेड़ा पंचायत का गांव है। गांव में कहीं पक्की सड़क और नाली नहीं है, चारो तरफ कीचड और गंदगी का साम्राज्य फैला हूआ है। पिछले कई सालों से यहां कोई विकास कार्य नहीं हुआ, हूआ भी तो बस कागजो कि खानापूर्ति तक। यहां तक कि गांव में एक कच्चा शमशान है, बारिश के दिनों में इस शमशान तक पहुंचना एक चुनौती से कम नहीं, इसके बाद यहां शेड ना होने कि वजह से दाह संस्कार भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
युवाओं कि शिकायत के बाद पंचायत से एक जांच दल गांव का विकास देखने पहुंचा और ग्रामीणों के साथ गांव के कीचड और गंदगी से भरे चुनौती पूर्ण मार्ग का पैदल भ्रमण किया।इस गांव के चहुमुखी विकास कि बयार देख कर पांच सदस्यीय जांच दल का भी चेहरा उतर गया, और ग्रामीणों कि शिकायत का सत्यापन किया।
जांच दल में शामिल सब इंजिनियर अहिरवार का कहना है कि वाकई गांव में विकास नहीं हुआ, जहां कुआ बताया वहां नहीं है, सड़क नहीं है। जो बनी है उसकी क़्वालिटी सही नहीं है वह उखड़ गई। 10 साल पहले बना कुआँ व्यवस्थित है लेकिन वर्तमान सरपंच के कार्यकाल में बना कुआ धंस गया है। रिकॉर्ड से मिलान करेंगे और जांच के आधार पर आगे कि कार्रवाई करेंगे। पीएम आवास को लेकर भी असहमति दर्ज हुई है।
जब हमने सरपंच विक्रमसिंह से बात कि तो उनका कहना है कि हमने विकास किया है। यहां ग्रामीण ही काम नहीं करने देते। कुआँ नाले पर बनाया था लेकिन बारिश कि वजह से धंस गया। पंचायत के पास पैसे कि कमी है आएगा तब काम किए जायेंगे।