काठमांडू: भारत के केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों नेपाल के आधिकारिक दौरे पर हैं। जहां उन्होंने धार्मिक आस्था के साथ-साथ भारत-नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों को भी नई दिशा देने की पहल की है। दौरे के दौरान उन्होंने परिवार संग पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन किए और बिम्सटेक की कृषि मंत्रीस्तरीय बैठक में भाग लिया।
काठमांडू पहुंचकर अपने दौरे की शुरुआत की
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचकर अपने दौरे की शुरुआत की। वह अपनी पत्नी, बेटे और बहुओं के साथ विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे और विधिवत पूजा-अर्चना की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर फोटोज की शेयर
चौहान ने इस आध्यात्मिक अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए कहा, “मैं अपने परिवार के साथ पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य प्राप्त कर रहा हूं। यहां की गई प्रार्थनाएं हमें नई ऊर्जा और प्रेरणा देती हैं।” उन्होंने मंदिर परिसर में रुद्राक्ष और हरसिंगार के पौधे भी लगाए, जो न केवल धार्मिक आस्था बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देते हैं।

नेपाल के प्रधानमंत्री से की मुलाकात
चौहान ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से भी शिष्टाचार मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-नेपाल के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और जनस्तरीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में बातचीत की। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि नेपाल में आयोजित बिम्सटेक सम्मेलन खाद्य सुरक्षा, कृषि समृद्धि और किसान सशक्तीकरण के वैश्विक प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

बिम्सटेक बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व
शिवराज सिंह चौहान नेपाल में आयोजित तीसरी BIMSTEC कृषि मंत्रीस्तरीय बैठक (BAMM) में भाग लेने पहुंचे। यह बैठक क्षेत्रीय कृषि सहयोग को गति देने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई थी। इसमें शामिल देशों ने मत्स्य पालन और पशुधन विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार किया। बता दें पहली BAMM 2019 में म्यांमार, दूसरी 2022 में भारत में हुई थी। यह तीसरी बैठक काठमांडू में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखी जा रही है।
भारत-नेपाल के बीच कृषि MoU
बैठक के दौरान चौहान ने नेपाल के कृषि और पशुधन विकास मंत्री से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, भविष्य में साझा कृषि अनुसंधान, तकनीकी सहयोग और किसान हितैषी परियोजनाओं पर काम करने पर सहमति जताई।