हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना धार कलेक्टर प्रियंक वर्मा को भारी पड़ गया। कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने रोजगार सहायक को पिछले 50 प्रतिशत वेतन के साथ फिर नौकरी पर रखने के कहा था। कलेक्टर के अलावा जिला पंचायत के कार्यपालन अधीकारी श्रृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है।
मामला वर्ष 2017 का है। धार के नालछा गांव में मिथुन चौान रोजगार सहायक के पद पर थे। उनकी तबीयत खराब होने के कारण वह कुछ दिनों तक नौकरी पर नहीं जा पाए। अपनी ड्यूटी पर मौजूद न रहने को अफसरों ने कदाचरण माना और उसे नौकरी से हटा दिया। रोजगार सहायक खुद बेरोजगार हो गया तो उसने वर्ष 2019 में हाईकोर्ट में नौकरी से हटाने के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई।
मिथुन ने कोर्ट में अवमानना याचिका लगा दी। इसके बाद 20 सितंबर को कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन करे और 4 अक्टूबर को कोर्ट में अफसरों को मौजूद रहने के लिए कहा, लेकिन न आदेश का पालन हुआ और न ही अफसर कोर्ट में मौजूद रहे। इसके बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर और सीईअेा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।