Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट के जज जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने फैसला सुनाया. अब आम आदमी पार्टी यही याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी. इस बात की जानकारी दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दी. उन्होंने कहा हमें सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है वो केजरीवाल को रिलीफ देगी. वहीं भाजपा हमलावर है.
मनी लॉन्ड्रिंग के भी सबूत मिले
ASG एसवी राजू ने जानकारी देते हुए कहा, आज जो फैसला आया वह जज ने बहुत मेहनत के बाद दिया है और न्याय किया है. कोर्ट ने अपनी सुनवाई में यह भी कहा है कि मनी ट्रेल और मनी लॉन्ड्रिंग के भी सबूत मिले हैं. वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गिरफ्तारी गैर कानूनी है लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील को खारिज करते हुए कहा कि गिरफ्तारी कानूनी है. और कोर्ट सियासी दबाव से नहीं कानून से चलती है.
AAP के गैंग लीडर को आईना दिखा दिया
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट किया और लिखा-, “मुजरिम मुजरिम होता है। देश में हर किसी को भारत के कानून का पालन करना होगा. आज माननीय न्यायालय के आदेश ने AAP के गैंग लीडर को आईना दिखा दिया है, ED द्वारा एकत्र किए गए सबूत बताते हैं कि सरगना अरविंद केजरीवाल हैं. AAP बेनकाब हो गई है.”
भाजपा ने अपने मंत्री को चुनाव आयुक्त के पद में बैठा दिया
AAP नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, आज हाई कोर्ट का फैसला आया है उसका हम पूरा सम्मान करते हैं और सम्मानपूर्वक कहते हैं कि हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं और इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वहां अपनी बात रखेंगे. हम तो कोर्ट को मानते हैं लेकिन भाजपा देश की सबसे बड़ी अदालत को नहीं मानती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव आयुक्त को चुनने का अधिकार केंद्र सरकार के पास नहीं है उसके लिए प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस से मंजूरी लेनी होती है लेकिन भाजपा ने चीफ जस्टिस की जगह अपने एक मंत्री को लगा दिया.
मोदी सरकार ने 10 साल में कोई काम नहीं किया
आप नेता ने आगे कहा- हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है संजय सिंह के जैसे केजरीवाल को भी रिलीफ देगा सर्वोच्च न्यायालय देगा. मोदी सरकार ने 10 साल में कोई काम नहीं किया. 59 करोड़ रूपया शरद रेड्डी ने केजरीवाल को दिया. और उनके बेटे भाजपा की सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ये बातें कोर्ट ने भी मानी हैं.