दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहीं आतिशी का मध्य प्रदेश से भी कुछ जिलों से गहरा नाता रहा है। वर्ष 2015 में नर्मदा बचाओ आंदोलन के अंतर्गत खंडवा जिले के घोघलगांव में हुए जल सत्याग्रह में वह सम्मिलित हुई थीं। वह यहां 32 दिन रहीं। पानी में नहीं उतरीं पर जनसभाओं को कई दिन संबोधित किया
खंडवा के आंदोलन में हुईं थी शामिल
आम आदमी पार्टी (आप) के मध्य प्रदेश अध्यक्ष रहे आलोक अग्रवाल ने बताया कि बेहद संवेदनशील और मुद्दों के प्रति समर्पित होने के कारण आतिशी आंदोलनकारियों और गांव के लोगों से तेजी से घुलमिल गई थीं। ओंकारेश्वर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से गांवों के डूब में आने के कारण यह आंदोलन किया गया था, तब देशभर में चर्चा में आए इस जल सत्याग्रह से आतिशी को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
आतिशी के पति कौन है कब हुई थी मुलाकात
प्रवीण सिंह से उनका पहला परिचय मध्य प्रदेश में एक एनजीओ में काम के दौरान ही हुआ था। वह वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रचार करने के लिए भी भोपाल आई थीं। यहां रैली में भी सम्मिलित हुई थीं। उनके दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से तब उनके संपर्क में रहे आम आदमी पार्टी से जुड़े लोग उत्साहित हैं।