Rajasthan Cabinet : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की ओर से बनाए गए 9 जिलों और 3 संभागों को निरस्त कर दिया है। सीकर, पाली, बांसवाड़ा संभाग समाप्त कर दिए गए हैं। 9 जिलों में दूदू, केकड़ी, गंगापुर सिटी, नीम का थाना, सांचौर, शाहपुरा, अनूपगढ़, जोधपुर ग्रामीण और जयपुर ग्रामीण शामिल हैं। अब राजस्थान में 41 जिले और 7 संभाग हैं।
जयपुर: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय बनाए गए तीनों संभागों को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही नए बनाए गए 19 जिलों में से 9 जिलों को समाप्त कर दिया गया है। सीकर, पाली और बांसवाड़ा को गहलोत राज में संभाग बनाया था। इन तीनों से संभाग का दर्जा छीन लिया गया है। अब ये पहले की भांति जिले ही रहेंगे। गहलोत राज में जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण सहित कुल 19 जिले बनाए गए थे। इन 19 जिलों में से भी 9 जिलों से जिले का दर्जा निरस्त कर दिया है। कैबिनेट की बैठक में फैसला होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने यह जानकारी दी।
भजनलाल सरकार ने ये जिले किए खत्म
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त 2023 में यानी वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव से करीब चार महीने पहले राजस्थान के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव किया था। उन्होंने 19 नए जिले बनाए थे। इन 19 में से 9 जिलों को भजनलाल सरकार ने निरस्त करने का निर्णय लिया है। निरस्त किए जाने वाले जिलों में दूदू, केकड़ी, गंगापुर सिटी, नीम का थाना, सांचौर, शाहपुरा, अनूपगढ़, जोधपुर ग्रामीण और जयपुर ग्रामीण जिले शामिल हैं।
यानी कि कोटपूतली बहरोड़, तिजारा खैरथल, ब्यावर, डीग, फलोदी, कुचामन डीडवाना और सलूंबर जिले यथावत रहेंगे। जोधपुर और जयपुर भी पहले की भांति एक एक जिले ही रहेंगे।
अब 41 जिलों और 7 संभागों वाला होगा राजस्थान
भजनलाल सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद राजस्थान की तस्वीर फिर से बदल गई है। डेढ साल पहले राजस्थान में 7 संभाग और 33 जिले थे। अगस्त 2023 में गहलोत सरकार ने जब 3 नए संभाग और 19 नए जिलों का गठन किया तो संभागों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी और जिलों की संख्या भी 33 से बढ़कर 50 हो गई थी। तीन संभाग खत्म कर दिए जाने के फैसले से अब राजस्थान में पहले की भांति 7 संभाग रह गए हैं। इसी तरह जिलों की संख्या भी 41 रह गई है।
राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा
भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर प्रदेश के नव गठित 9 जिलों एवं सीकर, पाली व बांसवाड़ा तीनों संभाग को निरस्त करना जनविरोधी एवं अत्यंत निंदनीय निर्णय है।भाजपा सरकार ने नव सृजित जिलों एवं संभागों को निरस्त करके प्रदेश की जनता के हितों के साथ कुठाराघात किया है, यह जनता से अन्यायपूर्ण एवं अनुचित कदम है। कांग्रेस पार्टी इस जनविरोधी निर्णय का पुरजोर विरोध करती है। भाजपा सरकार के इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पार्टी प्रदेश की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। राजस्थान के जन-जन के साथ हम सदन से सड़क तक विरोध व आंदोलन करेंगे। सरकार को इस निर्णय से पूर्व इन जिलों और संभाग की जनता से सुझाव एवं सर्वदलीय बैठक बुलाकर विपक्ष से रायशुमारी करनी चाहिए थी।भाजपा सरकार द्वारा कम दूरी की दलील देकर जिलों को समाप्त करना भी समझ से परे एवं तर्कहीन है। भरतपुर से डीग की दूरी सिर्फ 38 किलोमीटर है, लेकिन डीग को जिला बरकरार रखा गया है। जबकि सीकर से नीमकाथाना की दूरी 85 किलोमीटर, श्रीगंगानगर से अनूपगढ़ की दूरी 122 किलोमीटर और जालोर से सांचौर की दूरी 135 किलोमीटर होने के बावजूद नीमकाथाना, अनूपगढ़ एवं सांचौर तीनों जिलों को निरस्त कर दिया गया।पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जनभावना के सम्मान में भौगोलिक दृष्टि का ध्यान रखते मुख्यालयों की दूरी घटाने, योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था के लिए 17 नए जिलों और 3 संभागों का गठन किया था। कांग्रेस सरकार ने प्रशासनिक विकेंद्रीकरण से राजस्थान की प्रगति को गति देकर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने एवं आमजन को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए जनहित में निर्णय किया था।लेकिन भाजपा की #पर्ची_सरकार ने संकीर्ण मानसिकता का परिचय देते हुए विवेकहीन एवं जनविरोधी निर्णय किया है।