गृह मंत्रालय के साइबर विंग ने साइबर क्राइम से जुड़े 6 लाख नंबर बंद किए. इसके अलावा 65 हजार URLs को भी ब्लॉक किया गया.
home ministry ने साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. ये एक्शन गृह मंत्रालय की साइबर विंग 14C द्वारा लिया गया है. साइबर विंग ने साइबर फ्रॉड से जुड़े करीब 6 लाख नंबर बंद किए हैं. इतना ही नहीं ऐसी ही 800 ऐप को भी ब्लॉक किया गया है. साथ ही साइबर विंग के आदेश पर साइबर फ्रॉड में शामिल 65 हजार URLs को भी ब्लॉक किया गया है.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, Cyber Wing ने पिछले 4 महीने में फ्रॉड करने वाले 3.25 लाख अकाउंट फ्रीज किए हैं. 3400 से ज्यादा सोशल मीडिया ग्रुप्स को भी बंद किया गया है. गृह मंत्रालय का दावा है कि 8.5 लाख लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाया गया है.

साइबर क्राइम से निपटने के लिए विंग ने नेशनल लेवल पर कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाया है. इसके अलावा विंग साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों को आसानी से दर्ज करने में मदद करता है. साइबर क्राइम से निपटने के लिए एजेंसियों की मदद करता है. यही विंग लोगों को इस तरह के क्राइम से बचने के लिए और जागरूकता बढ़ाने के लिए गाइडलाइन जारी करता है. विंग फर्जी डिजिटल प्लेटफॉर्म की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई भी करती है.
Cyber Wing द्वारा उठाए मुख्य कदम
- Mule Accounts पर कार्रवाई: पिछले 4 महीनों में 3.25 लाख से अधिक फ्रॉड करने वाले अकाउंट्स (Mule Accounts) को डेबिट फ्रीज कर दिया गया।
2. सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर नकेल: साइबर अपराध में इस्तेमाल किए जा रहे 3401 सोशल मीडिया अकाउंट्स, वेबसाइट्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स को बंद कर दिया गया।
3. वित्तीय सुरक्षा: पिछले कुछ वर्षों में साइबर फ्रॉड की वजह से 2800 करोड़ रुपये की राशि बचाई गई।
4. साइबर विक्टिम को बचाव: MHA ने 8 लाख 50 हजार साइबर विक्टिम्स को फ्रॉड से बचाया।

I4C विंग क्या है ?
I4C विंग की स्थापना 5 अक्टूबर 2018 को गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (CIS डिवीजन) के अंतर्गत की गई थी। इसका उद्देश्य साइबर अपराध से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना है, जो देशभर के राज्यों के कंट्रोल रूम से जुड़ा होता है। यह केंद्र हाई प्रायोरिटी साइबर अपराध मामलों की निगरानी करता है और