पन्ना, म.प्र. – पन्ना जिले की साहसी बेटी गौरी अरजरिया को उनके अद्वितीय पर्वतारोहण उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्मानित किया। यह सम्मान पन्ना नगर के गौरव दिवस समारोह के अवसर पर प्रदान किया गया, जिसमें जिले भर से आए नागरिकों ने हिस्सा लिया और गौरी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने गौरी को प्रशस्ति पत्र और सम्मान-चिन्ह (शील्ड) भेंट कर मंच पर सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, “पन्ना अब केवल हीरों के लिए नहीं, बल्कि हीरे जैसी बेटियों के लिए भी जाना जाएगा। गौरी ने जो कर दिखाया है, वह पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व की बात है।”

साहस और सशक्तिकरण की प्रतीक बनी गौरी
गौरी अरजरिया ने अपने साहस और अडिग संकल्प से कई दुर्गम पर्वत चोटियों को फतह किया है। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं – उत्तराखंड की केदारकांठा चोटी (12,500 फीट) पर गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराना, चंद्रशिला पीक (13,500 फीट) पर राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति का संदेश देना और हिमाचल प्रदेश की युनाम चोटी (21,000 फीट) पर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा लहराना।
उनका सबसे चर्चित अभियान रहा
अफ्रीका की माउंट किलिमंजारो (19,341 फीट) पर 15 अगस्त को भारतीय साड़ी पहनकर तिरंगा फहराना। इस अभियान को उन्होंने महिला सशक्तिकरण को समर्पित किया, और यह संदेश दिया कि भारतीय नारी जहाँ भी पहुँचे, अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़ी रहती है।
किसान परिवार से निकलकर पर्वत शिखरों तक
गौरी का जन्म पन्ना जिले के सिमरिया गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और पर्वतारोहण जैसे जोखिम भरे क्षेत्र को अपनाया। आज वे हजारों युवाओं, विशेषकर बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं।

सम्मान प्राप्त करने के बाद गौरी ने भावुक होते हुए कहा, “यह सम्मान मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है। मैं इसे अपने माता-पिता और पूरे जिले को समर्पित करती हूँ। अब मेरा अगला लक्ष्य है – माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराना।”
बेटियाँ बनीं प्रदेश की असली शक्ति
गौरव दिवस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कन्या पूजन कर बेटियों को प्रदेश की असली शक्ति बताया। उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे होनहारों को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
प्रेरणा का संदेश
गौरी अरजरिया की यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि समाज के लिए, खासकर बेटियों के लिए प्रेरणा का स्तंभ बन चुकी है। उनका जीवन संदेश देता है – “अगर हौसले बुलंद हों, तो पहाड़ भी झुक जाते हैं।” पन्ना की यह बेटी आज जिले की नई पहचान बन गई है – साहस, संघर्ष, संस्कृति और सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल।