भोपालः मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों के साथ एक बैठक में मध्य प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी को लेकर कई अहम फैसले लिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन सालों में राज्य की सभी बसाहटों को सड़कों से जोड़ा जाए। इसके लिए समय-सीमा तय कर कार्रवाई की जाएगी और वैज्ञानिक तरीके से सर्वे कर कार्य-योजना बनाई जाएगी।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अतिवृष्टि, बाढ़ या अन्य कारणों से जिन मार्गों को नुकसान हुआ है, उनकी मरम्मत और उन्नयन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, सड़कों के रख-रखाव के लिए मोबाइल ऐप, जियो टैगिंग और एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि इसे और प्रभावी बनाया जा सके।सड़क कनेक्टिविटी के तहत 89 हजार बसाहटों में से 50 हजार से ज्यादा बसाहटों को सड़क से जोड़ लिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 11 हजार 544 नई बसाहटों के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। शेष 26 हजार 798 बसाहटों को जोड़ने के लिए राज्य सरकार कदम उठा रही है।
भारत सरकार से मिली प्रोत्साहन राशि
प्रदेश ने सड़क संधारण और उन्नयन के लिए भारत सरकार से प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में ई-मार्ग पोर्टल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और इसे अब पूरे देश में लागू किया गया है।बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति पर भी चर्चा की गई। राज्य सरकार द्वारा इसके अंतर्गत कामों की ऑनलाइन व्यवस्था सम्वेग पोर्टल के माध्यम से की जा रही है, जिससे कार्य में तेजी लाई जा सके।
सड़क कनेक्टिविटी से ग्रामीण क्षेत्रों में होगा विकास
इन सभी फैसलों से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जो नागरिकों के आवागमन को आसान और सुरक्षित बनाएगा। सीएम ने अधिकारियों से इन कार्यों को प्राथमिकता से निपटने का निर्देश दिया है।