अमेरिका समेत 27 देशों में कोरोना वायरस का नया खतरा मंडरा रहा है. जून में जर्मनी में पाए गए वेरिएंट के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. इस नए वैरिएंट को XEC कहा जा रहा है.
XEC वेरिएंट को लेकर स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एरिक टोपोल का कहना है कि अभी तो ये सिर्फ शुरुआत है. एरिक का मानना है कि आने वाले कुछ हफ्तों या कुछ महीनों में यह वेरिएंट और तेजी से फैल सकता है, इससे कोरोना वायरस की एक और लहर आ सकती है.

विशेषज्ञों के मुताबिक पहले की तुलना में अब टेस्ट कम हो रहे हैं जिससे वर्तमान में यह पता लगाना मुश्किल है कि यह वायरस कितना फैल चुका है.
कितना खतरनाक है XEC वैरिएंट ?
अब तक पोलैंड, नॉर्वे, लक्जमबर्ग, यूक्रेन, पुर्तगाल और चीन सहित 27 देशों के 500 सैंपलों में कोविड का XEC वैरिएंट पाया गया है. एक्सपर्ट का कहना है कि नया वैरिएंट विशेष तौर पर डेनमार्क, जर्मनी, यूके और नीदरलैंड में तेजी से फैल रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि ये नया वैरिएंट, जो कि ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट है. इसमें कुछ नए बदलाव हुए हैं. जो इस ठंड के मौसम में इसके फैलने में मदद कर सकते हैं, हालांकि, वैक्सीन अभी भी गंभीर मामलों को रोकने में मदद कर सकती है. फिलहाल भारत में इस नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है.

XEC वेरिएंट के लक्षण भी बुखार और सर्दी की तरह हैं. इसमें तेज बुखार आना, शरीर में दर्द, थकान, खांसी और गले में खराश महसूस हो सकती है. इसके अलावा सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द, स्वाद और सुगंध का पता न चलना, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं. कोरोना वायरस से ग्रसित ज्यादातर लोग कुछ ही हफ्तों में ठीक महसूस करने लगते हैं लेकिन इस वेरिएंट से संक्रमित मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है.