इस बार का दीपोत्सव 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस अवसर पर अयोध्या के 55 घाटों पर दीये जलाए जाएंगे। इन दीयों में लगभग 90 हजार लीटर सरसों का तेल उपयोग किया जाएगा।
अयोध्या में आठवें दीपोत्सव में 25 लाख दीप प्रज्जवलित कर सातवीं बार विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी है। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की ओर से 55 घाटों पर 28 लाख दीप बिछाए जाएंगे। घाटों पर दीपों को बिछाने के लिए 30 हजार स्वयंसेवकों का खका तैयार हो चुका है। दीपों में 90 हजार लीटर सरसों के तेल की खपत होगी। इस संख्या में राममंदिर परिसर में जलाए जाने वाले ढाई लाख दीपों को शामिल नहीं किया गया है।
अवध विवि की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के नेतृत्व में रामनगरी में छोटी दीपावली (30 अक्तूबर) को राम की पैड़ी सहित सरयू तट के विभिन्न घाटों पर शासन के लक्ष्य 25 लाख से अधिक दीए जलाएं जाएंगे। घाटों पर 28 लाख दीए बिछाए जाएंगे। जबकि 32 लाख दीप क्रय किए जाएंगे और चार लाख दीप रिजर्व में रहेंगे। आठवां दीपोत्सव रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव होगा। इसलिए दीपोत्सव की भव्यता पर सरकार की भी निगाहें टिकी हैं।
भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव है।
दीपोत्सव में भाग लेने के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। स्वयंसेवकों के पहचान पत्र का वितरण 20 अक्टूबर से शुरू होगा।
घाटों पर दीये पहुंचाने का काम 26 अक्टूबर से शुरू होगा और 27 अक्टूबर से स्वयंसेवक इन्हें लगाना शुरू कर देंगे। 30 अक्टूबर को दीये जलाए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने में कुल 90,000 लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाएगा।
कार्यक्रम के नोडल समन्वयक प्रोफेसर एस.एस. मिश्रा ने कहा, “30,000 से अधिक स्वयंसेवक, 14 कॉलेज, 37 इंटर कॉलेज और 40 गैर सरकारी संगठन राम की पैड़ी के 55 घाटों पर 2.8 मिलियन दीये जलाने में योगदान देंगे। कार्यक्रम के लिए मानचित्रण शुरू हो गया है और घाटों पर चिह्नांकन का काम 17 या 18 अक्टूबर से शुरू होगा।” कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी डॉ. विजयेंदु चतुर्वेदी ने बताया कि, “जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय के सहयोग से इस वर्ष के दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए अंतिम तैयारियां चल रही हैं।”
उत्तर प्रदेश सरकार इस बार के दीपोत्सव को सबसे भव्य और यादगार बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि इस आयोजन की तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न रह जाए। सरकार का उद्देश्य है कि इस दीपोत्सव के माध्यम से अयोध्या की पहचान और भी मजबूत हो, और इसे विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिले। इस प्रकार, अयोध्या में इस दीपोत्सव की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। 25 लाख दीयों की रोशनी में अयोध्या एक नई चमक के साथ सामने आएगी, जो सभी के दिलों को छू जाएगी। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को भी प्रदर्शित करेगा। सभी की नजरें इस ऐतिहासिक पल पर टिकी हुई हैं, और इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।