किसानों के विरोध को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हमने ‘ग्रामीण भारत बंद’ के बारे में बात की है कि किसान कल अपने खेतों में न जाएं। यह कल एक बड़ा संदेश देगा… इस आंदोलन की एक नई विचारधारा है, एक नई पद्धति है। हाईवे बंद नहीं होंगे, बैठकें जारी रहेंगी और हम वहीं निर्णय लेंगे।”
17 फरवरी को मासिक पंचायत
टिकैत ने शनिवार को सिसौली में होने वाली मासिक पंचायत को लेकर कहा, “17 फरवरी को सिसौली में होगी मासिक पंचायत… MSP पर हमारी मांग तो है लेकिन पंजाब और हरियाणा में जो घटनाएं हो रही हैं, उस पर रणनीति बनानी होगी, हमें ऐसी उम्मीद है। हमने कहा है कि इसके लिए भीड़ के रूप में इकट्ठा न हों… जहां तक बंद का सवाल है, हमने लोगों से स्वेच्छा से भाग लेने का आग्रह किया है…”
दरअसल, एक बार फिर से किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह मोर्चा एमसपी सहित कई मामलों को लेकर अन्यदताओं ने हल्ला बोला है।
किसानों की क्या है मांग?
जानकारी के लिए बता दें कि, प्रदर्शनकारी किसानों की प्रमुख मांग है कि सरकार फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाए। इसके साथ ही किसान बिजली अधिनियम-2020 को निरस्त करने की भी मांग कर रहे हैं। इन सबके अलावा किसानों की ओर से लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग की जा रही है। साथ ही किसान आंदोलन के दौरान लगाए गए मुकदमे को वापस लेने को भी कहा जा रहा है।