शुक्रवार देर रात इजराइल और ईरान के बीच एक भयंकर संघर्ष हुआ, जो लगभग 8 घंटे तक लगातार जारी रहा। इस लड़ाई का केंद्र बिंदु दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और परमाणु ठिकानों पर हमला था। यह संघर्ष क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बन गया है। इजराइल ने भारतीय समयानुसार करीब 10:30 बजे ईरान पर एयरस्ट्राइक की। इजराइली फाइटर जेट्स ने ईरान के परमाणु ठिकानों को दोबारा निशाना बनाया। इन हमलों में ईरान के 78 लोग मारे गए और 350 से ज्यादा घायल हुए।

जवाब में ईरान भी पीछे नही रहा। ईरान ने भी 150 बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागीं। इनमें से 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरीं, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में इजराइली रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाने का दावा किया गया।
यह हमले भारतीय समयानुसार शनिवार सुबह करीब 7:15 बजे तक जारी रहे। ईरान की ओर से हमले की आशंका के चलते इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू को सुरक्षित ठिकाने पर शिफ्ट कर दिया गया था। इजराइल ने एक दिन पहले शुक्रवार सुबह 5:30 बजे ईरानी परमाणु और कई मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें 6 परमाणु वैज्ञानिक और 20 से ज्यादा मिलिट्री कमांडर्स मारे गए थे।
इजराइल ने परमाणु ठिकानों पर किया हमला
इजराइल की सेना ने ईरान के कुछ महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इजराइल के सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह हमला ईरान की परमाणु कार्यक्रम को बाधित करने के मकसद से किया गया। इजराइली वायु सेना ने सटीक हवाई हमले करके परमाणु संयंत्रों को नुकसान पहुंचाया, जिससे वहां सुरक्षा व्यवस्था चौकन्नी हो गई।

ईरान का जबरदस्त जवाब, दागीं 150 मिसाइलें
इजराइल के इस हमले के बाद, ईरान ने कड़ा जवाब देते हुए करीब 150 मिसाइलें दागीं। ये मिसाइलें इजराइल के कई सैन्य ठिकानों और शहरों को निशाना बना रही थीं। ईरानी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि उनका उद्देश्य इजराइल को सबक सिखाना था ताकि भविष्य में इस तरह के हमले से बचा जा सके।
क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि, वैश्विक स्तर पर भी चिंता
इस लड़ाई के चलते मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है। आसपास के देशों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कई देशों ने इस संघर्ष को लेकर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन मामले की गंभीरता को समझते हुए शांति प्रयास शुरू करने पर जोर दे रहे हैं।
नागरिकों को भारी नुकसान, बचाव कार्य जारी
8 घंटे तक चली इस भीषण लड़ाई में दोनों पक्षों के नागरिकों को भारी नुकसान हुआ है। कई इलाकों में मकान और आधारभूत संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी हैं ताकि प्रभावितों को तुरंत मदद मिल सके। स्थानीय प्रशासन ने जनता को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की राह
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस लड़ाई पर गहरी चिंता जताई है। कई प्रमुख देशों ने दोनों पक्षों से तत्काल संघर्ष विराम करने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने का आह्वान किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तनाव को शांति से हल नहीं किया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
इजराइल और ईरान के बीच हालिया लड़ाई ने मध्य-पूर्व के माहौल को और जटिल बना दिया है। परमाणु ठिकानों पर हमला और मिसाइलों की बारिश से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच तनाव गंभीर है। अब अंतरराष्ट्रीय प्रयास इस संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर केंद्रित हैं ताकि क्षेत्र और दुनिया को बड़े संकट से बचाया जा सके।