मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के अंतर्गत आने वाली खाचरौद तहसील के ग्राम घुड़ावन में एक परिवार को बेटी का अंतरजातीय विवाह करना इस कदर नागवार गुजरा कि उन्होंने विरोध स्वरूप अपनी जिंदा बेटी को मरा हुआ मानकर इंसान का अंतिम कर्म पिंडदान कर दिया। खास बात ये है कि, परिवार ने अपनी जीवित बेटी को मरा हुआ मानकर न सिर्फ उसका पिंडदान किया, बल्कि मृत्यू पश्चात बांटे जाने वाले मृत्यु पत्र छपवाकर बटवाए और बेटी का मृत्यु भोज भी करा दिया। परिवार ने कार्यक्रम से पहले शोक पत्र भी छपवाए वो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
आपको बता दें कि जिले के अंतर्गत स्थित खाचरौद तहसील के ग्राम घुड़ावन के वर्दीराम गरगामा की पुत्री मेघा गरगामा ने अपने प्रेमी दीपक बैरागी पिता मदनलाल बैरागी निवासी घिनोदा के साथ भाग कर अंतरजातीय विवाह कर लिया। पहले तो परिजन ने दीपक द्वारा बेटी का अपहरण किए जाने की बात कहकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने छानबीन कर दीपक और मेघा को पकड़ लिया।
लेकिन जब पुलिस लड़की को परिजन से मिलाने थाने लाई तो यहां उसे पुलिस के सामने अपने घरवालों को पहचानने से ही इंकार कर दिया। साथ ही, वो दीपक के साथ रहने की जिद पर अड़ी रही। इस दौरान परिवार के लोगों ने उसे समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन उसपर किसी समझाइश का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

आखिरकार बेटी के इस रवैय्ये से नाराज ने सिर्फ बकायदा शोक पत्र छपवाकर पूरे गांव में बंटवाए, बल्कि 16 मार्च 2025 को समाज के लोगों को बुलाकर विधि विधान से उसका अंतिम क्रिया कर्म (पिंडदान) कर मृत्यु भोज भी करा दिया। फिलहाल, अब घर वालों के इस कार्य की चर्चा पूरे गांव में हो रही है