अब्दुल रकीब। एक साल पहले वो फिल्म आई थी ना, अरे वो ही फिल्म जिसकी कई रील आपने सोशल मीडिया पर देखी होगी…! पुष्पा, पुष्पाराज.. मैं झुकेगा नहीं साला…! देश में बेहद चर्चित हुई इस फिल्म की कहानी लाल चंदन की तस्करी से जुड़ी थी। इस फिल्म के हीरो को आपने बड़े ही चालाकी से और कई अनोखे तरीकों से चंदन की तस्करी करते देखा था। फैंस इन तस्करी के तरीकों को देखकर हैरान रह गए थे। बकौल वो फिल्म थी और ये है रियल लाइफ और रियल लाइफ में ऐसी हिमाकत करना या पुष्पा बनना हर किसी के लिए बेहद मुश्किल है। लेकिन मध्यप्रदेश की लड़कियों ने ऐसे ही तस्करी का एक नया तरीका खोज निकाला है। बस फर्क इतना है कि वहां लाल चंदन था और यहां है सफेद पाउडर यानी धीमा जहर देने वाला ड्रग… और एमपी की इन छोरियों की तस्करी का स्टाइल देखकर आपका सिर चकराना लाजमी है।
ब्रा-पेंटी में ड्रग्स छिपाकर सप्लाई कर रहीं लड़कियां
जी हां, आपने ऊपर जो लाइनें पढ़ी है वो सौ फीसदी सच है। एमपी क्राइम ब्रांच की एक रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हाल ही में इंदौर में पकड़े गए ड्रग तस्करों में अब 10 फीसदी से ज्यादा महिलाएं भी अरेस्ट की गई हैं। इंदौर में ही 100 ऐसी लड़कियों और महिलाओं की पहचान की गई है जो ड्रग्स के धंधे से ना सिर्फ जुड़ी हैं बल्कि अपने अंडरगारमेंट में छिपाकर बड़ी आसानी से इसकी सप्लाई भी कर रही हैं। ये लड़कियां ना सिर्फ खुद नशा करती हैं, बल्कि लोगों को भी नशा कराती हैं। ऐसी लड़कियों की पहचान के लिए पुलिस ने भी विशेष अभियान चलाया है, लेकिन अबतक पुलिस के हाथ कोई बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगी है। इस काम के लिए लड़कियों को जहां मोटी रकम दी जाती है तो वहीं लड़कियों की गिरफ्तारी की संभावना भी बेहद कम होती है।
इस खतरनाक काम को कैसे अंजाम देती हैं लड़कियां?
द एमपी वायर के सूत्र ने ये चौंकाने वाला खुलासा करते हुए हमें इस तस्करी की पूरी डिटेल को बताया है। हमारे सूत्र ने हमें बताया की- नशे में डूबी लड़कियों को एक जगह से दूसरी जगह ड्रग्स सप्लाई करने का काम दिया जाता है। बड़े तस्कर पब, बार या फिर लाउंज में ड्रग सप्लाई करने का काम सौंपते हैं। ये लड़कियों को छोटे कपड़े जैसे वनपीस पहनाते हैं, ताकि लड़की फैशनेबल लगे और इसके बाद लड़कियां अपनी ब्र या पेंटी में ड्रग्स छिपाकर क्लब लाउंज या पब ले जाती है। दरअसल लड़कियों के लिए ड्रग्स की सप्लाई करना आदमियों के मुकाबले आसान होता है और उनपर शक भी कम होता है। जब तक पुलिस के पास पूरे सबूत न हो किसी लड़की की चेकिंग करना आसान नहीं है और इसी के चलते आसानी से ये ड्रग्स का काला कारोबार कामयाब हो जाता है।