Physics के नोबेल प्राइज 2024 की घोषणा हो गई है। इस साल ये प्राइज AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जैफ्री ई. हिंटन और अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन जे. होपफील्ड को मिला है। उन्हें मशीन लर्निंग से जुड़ी नई तकनीकों के विकास के लिए ये सम्मान दिया गया है जो आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स पर आधारित है।
इससे मशीनों को इंसानी दिमाग की तरह सोचना और समझना सिखाया जाता है। जैफ्री को जिस मशीन लर्निंग के लिए नोबेल मिला है, उन्होंने उसी के विकसित रूप AI को मानवता के लिए खतरा बताया था। उन्होंने 2023 में AI के विरोध में गूगल से इस्तीफा दे दिया था।
नोबेल प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन 14 अक्टूबर तक चलेगा। फिजिक्स में 2023 का नोबेल प्राइज पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एनी हुलियर को मिला था। इन वैज्ञानिकों को इनके एक एक्सपेरिमेंट के लिए नोबेल मिला था, जिससे एटम और मॉलिक्यूल्स में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स की दुनिया को समझने में अहम मदद मिलती है।

भारत के सी.वी रमन को मिला था फिजिक्स का नोबेल भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में से एक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1930 में फिजिक्स नोबेल पुरस्कार मिला था। 1928 में सीवी रमन ने साबित किया था कि जब किसी पारदर्शी वस्तु के बीच से प्रकाश की किरण गुजरती है, तो उसकी वेवलेंथ (तरंग दैर्ध्य) में बदलाव दिखता है। इस आविष्कार को उन्होंने अपना ही नाम दिया, जिसे रमन इफेक्ट कहा जाता है। उनके इसी आविष्कार के लिए उन्हें फिजिक्स नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
सीवी रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को दक्षिण भारत के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। रमन ने 1907 में असिस्टेंट अकाउंटेंट जनरल की नौकरी की, लेकिन हमेशा से विज्ञान ही उनका पहला प्यार रहा। वे किसी न किसी तरह लैबोरेटरी में पहुंचकर अपनी रिसर्च करते रहते थे। 1917 में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ी और कलकत्ता यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर हो गए।