सैय्यद हसन नसरल्लाह की इजरायली हमले में मौत हो जाने के बाद अब हाशिफ सफीद्दीन को हिजबुल्लाह का नया चीफ बनाया गया है। वह हसन नसरल्लाह का चचेरा भाई है। नसरल्लाह की हत्या होने के बाद सफीद्दीन को ही हिजबुल्लाह का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था।
कौन है हाशिम सफीद्दीन?
हाशिम सफीद्दीन का जन्म 1964 में दक्षिणी लेबनान के डेर कानून एन नहर में हुआ था। यह हिज्बुल्लाह के राजनीतिक मामलों को देखता आया है।
हाशिम खुद को पैगम्बर मोहम्मद का वंशज भी बताता है। इसके साथ ही वह एग्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुख और जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है, जो संगठन के सैन्य अभियानों की योजना बनाती है।
हाशिम काली पगड़ी पहनता है। अमेरिका ने साल 2017 में इसे आतंकवादी घोषित कर दिया था।
कैसे हुई थी नरसल्लाह की मौत ?
इजरायल ने 27 सितंबर को खूफिया सूचना के आधार पर वायुसेना के विमानों से हिज्बुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय पर लक्षित हमला किया, जो दाहियेह क्षेत्र में एक रहवासी इमारत के तल में स्थित था। इस हमले में नसरल्लाह, उसकी बेटी और दक्षिणी मोर्चे के कमांडर अली कराकी सहित कुल 9 कमांडरों की मौत हो गई थी।
IDF ने सबसे पहले उसकी मौत का दावा किया था। उसके बाद हिजबुल्लाह ने भी उसकी मौत की पुष्टि कर दी थी।
हिट लिस्ट में है सफीद्दीन
अमेरिका और सऊदी अरब ने 2017 में सफ़ीद्दीन को आतंकवादियों की नामित सूची में डाल दिया था, जो हिज़्बुल्लाह की शक्तिशाली निर्णय लेने वाली शूरा परिषद का सदस्य है। अमेरिकी वित्त विभाग ने उसे हिज़्बुल्लाह संगठन में “एक वरिष्ठ नेता” और इसकी कार्यकारिणी का “प्रमुख सदस्य” बताया है। जबकि नसरल्लाह की मौत के बाद हिज़्बुल्लाह के उप प्रमुख नईम कासेम ने स्वचालित रूप से हिज़्बुल्लाह का नेतृत्व संभाल लिया था। अब शूरा परिषद को एक नए महासचिव का चुनाव करने के लिए बैठक करनी होगी। पवित्र शहर क़ोम में धार्मिक अध्ययन करने के बाद से ही सफ़ीद्दीन के ईरान के साथ मजबूत संबंध हैं।
साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार खास बात यह है कि सफीद्दीन का बेटा ईरानी जनरल का सगा दामाद है। सफीद्दीन के बेटे की शादी ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी ऑपरेशन शाखा के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी से हुई है। वर्ष 2020 इराक में अमेरिकी हमले में जनरल कासिम मारे गए थे। सफ़ीद्दीन के पास सैय्यद की उपाधि उनकी काली पगड़ी है, जो उसे नसरल्लाह की तरह पैगंबर मोहम्मद के वंशज के रूप में चिह्नित करती है। वर्षों तक छुपे रहने वाले नसरल्लाह के विपरीत सफ़ीद्दीन हाल के राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में खुले तौर पर दिखाई देता रहा है।