Hamida Banu: गूगल विशेष दिन को सेलिब्रेट करने के लिए डूडल बनाता है. आज यानी 4 मई को गूगल ने जो डूडल बनाया है वह भारतीय पहलवानों और खासकर महिला पहलवानों के लिए बेहद खास है. गूगल ने हमीदा बानो को डूडल में जगह दी है जो कि भारत की पहली महिला पहलवान मानी जाती है. कहते हैं कोई पुरूष भी उसे कुश्ती में नहीं हरा पाया. इतना ही नहीं उसने शादी के लिए भी अजीब शर्त रखी थी. तो आइए जानते हैं हमीदा बानो के बारे में…
गूंगा पहलवान हमीदा से हार मानकर हट गए थे पीछे
कहा जाता है कि 1944 के दिन बंबई के एक स्टेडियम में करीब 2 लाख लोगों के बीच पहलवानी होने जा रही थी. जिसमें मुकाबला था गूंगा पहलवान का भारत की पहली महिला पहलवान हमीदा बानो का. लेकिन गूंगा पहलवान ने खुद ही हार मानकर पीछे हट गए.
हमीदा ने शादी के लिए रखी ये शर्त
हमीदा बानो ने शादी के लिए शर्त रखी थी कि जो मुझे कुश्ती में हराएगा उससे ही मैं शादी करूंगा. इसके बाद एक के बाद मुकाबले हुए लेकिन, कोई भी पहलवान उसे हरा नहीं पाए. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमीदा बानो ने वड़ोदरा कुश्ती लड़ने पहुंची थी. जहां उनका मुकाबला छोटे गामा पहलवान से होना था लेकिन वो भी यह कहते हुए पीछे हट गए कि वो महिला से कुश्ती नहीं लड़ेगें.
आज ये दिन ही गूगल ने हमीदा का क्यों बनाया डूडल
गामा पहलवान के पीछे हट जाने के बाद हमीदा से लड़ने के लिए उस समय के फेमल पहलवान बाबा ने चुनौती स्वीकार की. कहा जाता है यह मुकाबला आज के ही दिन हुआ. जिसमें हमीदा बानो ने बाबा पहलवान को मात्र 1 मिनट 34 सेकेंड में हरा दिया. तब रेफरी ने बी ऐलान कर दिया था कि ऐसा कोई पुरूष पहलवान नहीं जो हमीदा को हराकर उनसे शादी कर सके. Read More…Indore News: तुमने अपनी औकात दिखाई…बॉयफ्रेंड ने शादी से किया इनकार, नाराज युवती ने कर ली सुसाइड, जानिए पूरा मामला
कौन थी हमीदा बानो
हमीदा बानो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में जन्मी थीं और शुरू से उनकी कुश्ती में दिलचस्पी थी. उस दौर में कुश्ती सिर्फ पुरुषों तक सीमित थी. हमीदा ने जब अपने परिवार वालों से कुश्ती लड़ने की बात कही, तो परिवार के साथ- साथ समाज ने भी उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई. हमीदा ने परिवार से बगावत कर अलीगढ़ चली आईं. यहां सलाम पहलवान से कुश्ती के दांव-पेंच सीखे और फिर मुकाबले में उतरने लगीं.