इंदौर में एक युवती का पिस्टल से केक की मोमबत्तियां बुझाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घटना के वायरल होने के बाद युवती ने माफी मांगते हुए वीडियो जारी किया, लेकिन बिना लाइसेंस की जांच के पुलिस ने माफीनामा स्वीकारने पर अब शहरवासियों ने कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं।
क्राइम ब्रांच ने मामले का संज्ञान लिया
सोशल मीडिया पर बीते तीन दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक युवती अपने जन्मदिन पर पिस्टल से फायरिंग कर केक पर लगी मोमबत्तियां बुझाते हुए नजर आ रही है। यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामले का संज्ञान लिया और जांच शुरू की।
कौन है युवती?
वीडियो में नजर आने वाली युवती की पहचान सागर निवासी अपराजिता अनुष्का के रूप में हुई है, जो साल 2018 में इंदौर में ग्रेजुएशन के लिए आई थी। जन्मदिन के मौके पर उसने लायसेंसी रिवॉल्वर से फायर कर मोमबत्ती बुझाई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
वायरल होने के बाद वीडियो किया डिलीट
वीडियो वायरल होने के बाद युवती ने उसे डिलीट कर आर्काइव में डाल दिया, लेकिन किसी अज्ञात यूज़र ने इसे फिर से वायरल कर दिया गया। इसके बाद इंदौर में यह वीडियो तेजी से चर्चा में आ गया।
पुलिस पहुंची बेंगलुरु, युवती ने मांगी माफी
क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि युवती इस समय बेंगलुरु की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत है। वहां से उसने पुलिस को वीडियो भेजकर माफी मांगी और अपनी गलती स्वीकार की।
अधिकारी का बयान
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया, “युवती ने वीडियो भेजकर माफी मांगी है और लिखित माफीनामा भी भेजा है। पुलिस मामले में वैधानिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रही है।”
कार्रवाई पर उठे सवाल
शहरवासियों का कहना है कि ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वालों पर तुरंत चालान किया जाता है, वहीं एक युवती ने पिस्टल से सार्वजनिक रूप से फायरिंग के बावजूद लाइसेंस की पुष्टि किए बिना माफीनामा स्वीकार करना सवालों के घेरे में है।
कई लोगों का मानना है कि यदि यह मामला किसी अन्य व्यक्ति का होता, तो पुलिस तुरंत सख्त कार्रवाई करती। अब यह देखने वाली बात होगी कि पुलिस आगे क्या कदम उठाती है और क्या युवती के खिलाफ हथियार कानून के तहत मुकदमा दर्ज होता है या नहीं।
कानून की नजर में गंभीर मामला
पिस्टल से केक काटने जैसी हरकत सोशल मीडिया पर भले ही “स्टाइल” मानी जाए, लेकिन यह कानून की नजर में गंभीर मामला है। अब देखना यह होगा कि इंदौर पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई करती है या माफीनामा ही पर्याप्त माना जाएगा।