सीधीः जमोड़ी थाना क्षेत्र में पत्रकार रवि पांडे के घर में आग लगने से सनसनी फैल गई। रवि पांडे ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले उन्होंने ग्राम पंचायत से जुड़ी एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें उन्होंने पंचायत के पानी के टैंकरों के मुद्दे को उठाया था। इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को धमकियां दी गईं, और अब उनके घर में आग लगा दी गई।
प्रशासन की निष्क्रियता
घटना के बाद प्रशासन मौके पर तो पहुंचा, लेकिन दमोह से फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर नहीं पहुंच पाई। जब टीम पहुंची तो उसे चलाने वाला कोई प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं था। इस बीच, गांववासियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आग पर काबू पाया। यह घटना यह सवाल उठाती है कि जब पत्रकार समाज में सच्चाई दिखाता है, तो क्या उसे और उसके परिवार को इसकी सजा मिलनी चाहिए?
राजनीतिक प्रतिक्रिया, कमलनाथ ने सरकार पर बोला हमला
इस घटना के बाद से राजनीतिक उबाल भी बढ़ गया है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है और पत्रकारों को अपना काम करने की कीमत चुकानी पड़ रही है।

पत्रकारों का संघर्ष, न्याय की लगाई गुहार
पत्रकारों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द न्याय दिया जाए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यह घटना यह भी दर्शाती है कि यदि पत्रकार सच दिखाता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या पत्रकारों को अपनी जान की कीमत चुकानी होगी जब वे सच सामने लाने का काम करते हैं?
राजस्व विभाग की कार्रवाई
राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, और इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है।