CBI ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने और उसे लागू करने की आपराधिक साजिश में शुरू से शामिल थे। वे पहले से ही शराब नीति के प्राइवेटाइजेशन का मन बना चुके थे।
दिल्ली शराब नीति घोटाले में (CBI) ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी पांचवी और आखिरी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई की ओर से दायर पूरक आरोपपत्र में खुलासा हुआ है कि जब शराब नीति बनाने की शुरुआत हुई तो तभी से अरविंद केजरीवाल इसमें शामिल थे।
शराब नीति के निर्माण और इसमें बदलाव के लिए आपराधिक साजिश में शामिल थे। जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में पांचवीं और अंतिम चार्जशीट दाखिल करने के साथ अपनी जांच पूरी करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के पास पहले से ही आबकारी नीति का “निजीकरण करने का पूर्व-निर्धारित विचार” था। जिसे भ्रष्टाचार के आरोपों के सामने आने के बाद रद्द कर दिया गया।
CBI ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए है की ‘आप’ के टिकट पर 2022 का गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राज्य के दो पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रचार अभियान संबंधी खर्चों के लिए पार्टी के एक स्वयंसेवक ने नकद भुगतान किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को अपने पक्ष में करने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ द्वारा चुकाई गई कुल 90-100 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि में से 44.5 करोड़ रुपये की नकदी चुनाव संबंधी खर्चों के लिए पार्टी द्वारा गोवा भेजी गई थी।