केन्द्र सरकार ने CBI को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। CBI ने यह जानकारी राउज एवेन्यू कोर्ट को दी है।
CBI ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। 30 से ज़्यादा आरोपी ऐसे हैं जिनके खिलाफ़ अभियोजन की मंजूरी का इंतज़ार है। सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ़ मंजूरी हासिल करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा है।
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से अन्य आरोपियों के खिलाफ़ मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने यह भी कहा है कि मामले में तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। तेज प्रताप यादव को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है।
यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे। आरोप है कि उनके कार्यकाल में रेलवे ग्रुप डी के पदों पर नियमों की अनदेखी करते हुए कुछ लोगों को नौकरी दी गई थी।
इसके बदले में लालू परिवार के सदस्यों एवं अन्य सहयोगियों के नाम पर जमीनें लिखवाई गई थीं। सीबीआई जहां इस केस के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, तो वहीं ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की तहकीकात में जुटी है। दोनों ही जांच एजेंसियों ने लालू परिवार के सदस्यों को शिकंजे में कसा हुआ है।