भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में बीजेपी सांसद आलोक शर्मा के एक बयान ने नया राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। सांसद द्वारा शहर में जिम ट्रेनरों की सूची बनाने की बात पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे “जोकरगिरी” करार देते हुए कहा कि भोपाल सांसद की अब “जोकर वाली इमेज” बन चुकी है।
विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि जिम ट्रेनिंग एक सम्मानजनक और स्वास्थ्य से जुड़ा पेशा है। इसे अपराध की तरह पेश करना न केवल युवाओं का अपमान है, बल्कि यह मानसिक दिवालियापन भी दर्शाता है। “जिम चलाना कोई अपराध नहीं है। आज के समय में फिटनेस इंडस्ट्री युवाओं को रोजगार दे रही है। इसे शक के घेरे में लाना सरासर गलत है,” उन्होंने कहा।
सांसद आलोक शर्मा ने हाल ही में यह बयान दिया था कि कुछ जिम ट्रेनर बहकावों में आकर गलत संगत में पड़ रहे हैं, इसलिए शहर में ट्रेनरों की एक सूची बनाई जाएगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मसूद ने कहा, “क्या अब सांसद महोदय हर काम छोड़कर जिम ट्रेनरों की जासूसी करेंगे? क्या उन्हें महंगाई, बेरोजगारी और खराब स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दिखतीं?”
आरिफ मसूद ने दो टूक कहा कि “हम आलोक शर्मा के कहने पर कोई काम नहीं करेंगे। जो हमारे पास आ रहे हैं, हम उनकी काउंसलिंग करते हैं। लेकिन इस तरह से पूरे पेशे को संदिग्ध घोषित करना समाज को बांटने वाला रवैया है।”
उन्होंने आगे कहा, “भोपाल की जनता अब समझदार है। उसे फिजूल की बयानबाजी नहीं, बल्कि जमीनी काम चाहिए। आलोक शर्मा बार-बार ऐसे बयान देकर खुद को हास्य का पात्र बना रहे हैं। एक भोपाली होने के नाते मेरी सलाह है कि वे इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान न दें।”
आरिफ मसूद ने यह भी जोड़ा कि राजधानी की छवि को नुकसान पहुँचाने वाले बयानों से सांसद को बचना चाहिए। “अगर उन्हें वाकई किसी वर्ग की चिंता है, तो सदन में जाकर उनके लिए योजनाएं बनाएं, न कि मीडिया में आकर लोगों की छवि खराब करें,” उन्होंने कहा।
इस पूरे मामले ने शहर की राजनीतिक फिजा गर्म कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और खुद आलोक शर्मा इस तीखे हमले का क्या जवाब देते हैं।