Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले ने नया मोड़ ले लिया है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली 3 महिलाओं में से एक ने अपना केस वापस ले लिया है. संदेशखाली में रहने वाली महिला ने केस वापस लेते हुए कहा कि उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ. बल्कि बीजेपी सदस्यों ने एक खाली कागज पर साइन करवाए और फिर पुलिस से संपर्क किया. बता दें इसके पहले एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसे लेकर टीएमसी ने कहा था कि ये संदेशखाली मामला सुनियोजित था.
दर्ज कराया एक और नया केस
कथित तौर पर पीडित महिला ने थाने में एक और नया केस दर्ज कराया है. जिसमें उसने कहा है कि बीजेपी ने मुझसे सादे कागज पर साइन करने और रेप का केस दर्ज कराने के लिए दवाब डाला था. अब जब महिला अपने लगाए आरोप वापस ले रही तब भी उसे धमकियां मिल रही हैं. और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा. और पढ़ें…Navnit Rana Viral Video: नवनीत राणा के 15 सेकंड वाले बयान पर भड़के AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, जानिए पूरा मामला
आवास योजना के नाम पर कराए फर्जी साइन
मीडिया रिपोर्ट की माने तो महिला ने आरोप लगाया है कि उसके घर बीजेपी के स्थानीय महिला मोर्चा पदाधिकारी और पार्टी के अन्य सदस्य आए. और उन्होंने आवाज योजना के नाम पर हस्ताक्षर कराए. और मुझे दुष्कर्म की शिकायत कराने को कहा. टीएमसी दफ्तर में मेरे साथ कोई रेप नहीं हुआ.
स्टिंग ऑपरेशन का भी वीडियो हुआ था वायरल
हाल ही में एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में एक शख्स दावा कर रहा है कि संदेशखाली में षडयंत्र रचने के पीछे पश्चिम बंगाल विधानसभा के विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी थे. कथित तौर पर वीडियो में जो शख्स गंगाधर कोयल है जो कि बीजेपी का बूथ अध्यक्ष है. जिसमें वो कहता है कि संदेशखाली की महिलाओं के साथ कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था.