भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अब जल संरक्षण केवल सतही प्रयासों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पृथ्वी के गर्भ में जल पहुंचाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना’ विश्व की सबसे अनूठी और अभिनव परियोजनाओं में से एक है, जो भूजल स्तर को स्थायी रूप से बढ़ाने का काम करेगी।
क्या है तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना?
यह परियोजना मध्यप्रदेश के तापी नदी बेसिन क्षेत्र में भूजल संरक्षण के लिए तैयार की गई है। इसका उद्देश्य बारिश और सतही जल को पृथ्वी की गहराई में पहुंचाकर प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना है।
भूजल पुनर्भरण की अभिनव सोच
मुख्यमंत्री ने कहा –“पानी को पृथ्वी के गर्भ में ले जाकर हम उसकी भंडारण क्षमता को बढ़ा रहे हैं। यह केवल जल संरक्षण नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल भविष्य की सुरक्षा है।”
परियोजना की वैश्विक पहचान
डॉ. यादव ने इसे “विश्व की सबसे अनूठी परियोजना” बताया और कहा कि जल संकट से जूझ रही दुनिया के लिए यह मॉडल बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना वैज्ञानिक दृष्टिकोण, स्थानीय भौगोलिक स्थिति और जनभागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है।
जल ही जीवन, और अब भूजल है भविष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब केवल नदियों और तालाबों को भरना काफी नहीं, भूजल स्तर को स्थिर और सुरक्षित बनाए रखना सबसे जरूरी चुनौती है। तापी बेसिन परियोजना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले:
“तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना पृथ्वी की जल भंडारण क्षमता को बढ़ाने का वैश्विक मॉडल बन सकती है।”