Operation Sindoor : भारत ने आतंकवाद के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक जाम में फंसे पाकिस्तानियों के सामने धमाका, मुजफ्फराबाद में तबाहीभारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात डेढ़ बजे 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. इस हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) भारत ने आतंकवाद के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक जाम में फंसे पाकिस्तानियों के सामने धमाका, मुजफ्फराबाद में तबाही) का नाम दिया गया है. ये तीनों सेनाओं का जॉइंट ऑपरेशन था. भारत की पराक्रमी सेनाओं ने पाकिस्तान के 4 और पीओके के 5 ठिकानों को टारगेट किया है. भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने सभी टारगेट की पहचान की थी, जिसके बाद पूरी प्लानिंग के साथ लश्कर और जैश के ठिकानों पर हमला किया गया. आइए जानते हैं ये कौन-कौन से ठिकाने हैं और इंटरनेशनल बॉर्डर से कितनी दूर हैं.
बहावलपुर – अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किमी दूर स्थित है, यहां जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जिसे भारतीय सेनाओं ने ध्वस्त कर दिया है.
मुरीदके– ये आतंकी ठिकाना इंटरनेशनल बॉर्डर से 30 किमी दूर स्थित है, यहां लश्कर-ए-तैयबा का शिविर था, जो कि 26/11 मुंबई हमले से जुड़ा था
गुलपुर- ये आतंकी ठिकाना LoC (पुंछ-राजौरी) से 35 किलोमीटर दूर स्थित है.
लश्कर कैंप सवाई – ये आतंकी ठिकाना पीओके तंगधार सेक्टर के अंदर 30 किलोमीटर दूर स्थित है
बिलाल कैंप – जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड, ये ठिकाना आतंकियों को सीमा पार भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
कोटली – एलओसी से 15 किमी दूर स्थित लश्कर का शिविर. ये 50 से अधिक आतंकियों की क्षमता वाला ठिकाना था.
बरनाला कैंप– ये आतंकी ठिकाना LoC से 10 किमी दूर स्थित था.
सरजाल कैंप- सांबा-कठुआ के सामने इंटरनेशनल बॉर्डर से 8 किमी दूर स्थित जैश का प्रशिक्षण केंद्र
मेहमूना कैंप (सियालकोट के पास)– ये हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर था और इंटरनेशनल बॉर्डर से 15 किमी दूरी पर स्थित था.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री का बयान
पहलगाम का हमला अत्यधिक बर्बरतापूर्ण था… यह मुंबई के 26/11 हमले के बाद यह भारत में किसी आतंकी हमले में मारे गए आम नागरिकों की संख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा आतंकी हमला था: विदेश सचिव विक्रम मिस्री
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए विभत्स आतंकी हमले के शिकार मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया: कर्नल सोफिया कुरैशी