इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ी याचिका को बंद कर दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि यदि नागरिकता से संबंधित कोई रिपोर्ट मिलती है, तो उसे याचिकाकर्ता और कोर्ट में पेश किया जाए. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से रिपोर्ट की पेशकश में लगातार देरी हो रही थी, जिससे अदालत ने नाराजगी जताई.
केंद्र सरकार की रिपोर्ट में देरी, कोर्ट ने दी अंतिम चेतावनी
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता. केंद्र सरकार ने यूके सरकार से जानकारी प्राप्त करने में देरी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कोर्ट से और समय देने की अपील की हालांकि, कोर्ट ने केंद्र से 10 दिन में एक स्पष्ट जवाब देने का आदेश दिया था.
याचिका और भारतीय नागरिकता अधिनियम
कर्नाटक के विग्नेश शिशिर ने राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने का आरोप लगाया था. याचिकाकर्ता ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) का हवाला देते हुए राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग की थी. इस धारा के तहत, यदि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता छोड़कर दूसरी नागरिकता प्राप्त करता है, तो वह भारतीय नागरिकता से वंचित हो सकता है.
हाईकोर्ट का आदेश
कोर्ट ने यह मामला बंद कर दिया और याचिकाकर्ता को यह स्पष्ट किया कि यदि रिपोर्ट मिलती है, तो उसे तुरंत सूचित किया जाएगा. अदालत ने इस मामले में अंतिम दिशा की ओर कदम बढ़ाया और याचिका को समाप्त कर दिया.