Randeep Surjewala: कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मथुरा से भाजपा सांसद और एक्ट्रेस हेमा मालिनी पर विवादित टिप्पणी करने का मामला सामने आया है. जिस पर सियासी ड्रामा अब तेज हो गया है. इसी बीच हरियाणा महिला आयोग ने मामले में संज्ञान लिया है. रणदीप सुरजेवाला को नोटिस जारी किया है. जबाव तलब करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में महिला आयोग ने कहा कि उनका बयान महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला और अशोभनीय है.
9 अप्रैल को महिला आयोग पहुंचने का निर्देश
आयोग ने नोटिस जारी कर लिखा कि आपको सूचित किया जाता है कि सोशल मीडिया में प्रकाशित विषयाधीन खबर पर आयोग ने संज्ञान लिया है. आपने हेमा मालिनी के लिए अभद्र भाषा और टिप्पणी का प्रयोग किया है, जोकि एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला और अशोभनीय है. रणदीप सुरजेवाला को दिया गया कि वो 9 अप्रैल को महिला आयोग के दफ्तर पहुंचकर, इस बयान पर अपना स्पष्टीकरण दें.
क्या था सुरजेवाला का बयान?
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा के कैथल में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों को विधायक और सांसद आप लोग इसलिए बनाते हैं ताकि जनता की आवाज संसद में उठा सकें. ‘कोई हेमा मालिनी तो है नहीं, जो चाटने के लिए बनाते हैं? कोई फ़िल्म स्टार तो हैं नहीं’. हम तो हेमा मालिनी का भी सम्मान करते हैं क्योंकि धर्मेन्द्र के यहां शादी कर रखी है जो बहू हैं हमारी. ये लोग कोई फ़िल्म स्टार तो हो सकते हैं. लेकिन कोई मुझे या गुप्ता जी को इसीलिए आप सांसद-विधायक बनाते हैं ताकि हम लोग आपकी सेवा कर सकें.
भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना
भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि प्रमुख विपक्षी पार्टी महिलाओं से नफरत करती है. भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा और कहा, “कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने हेमा मालिनी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है, जो न केवल उनके लिए बल्कि सभी महिलाओं के लिए अपमानजनक है. उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और लिखा, यह राहुल गांधी की कांग्रेस है, जो महिलाओं से नफरत करती है.
सुरजेवाला ने दी सफाई
इस मामले में सुरजेवाला ने सफाई देते हुए सोशल मीडिया में लिखा- भाजपा की आईटी सेल को काट-छांट, तोड़-मरोड़, फर्ज़ी-झूठी बातें फ़ैलाने की आदत बन गई है, ताकि वो हर रोज मोदी सरकार की युवा विरोधी, किसान विरोधी, गरीब विरोधी नीतियों-विफलताओं व भारत के संविधान को ख़त्म करने की साज़िश से देश का ध्यान भटका सकें.