Ranjit Singh Murder Case: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बाबा राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए दोष मुक्त करार दिया है। रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई अदालत का फैसला पलट दिया। बता दें सीबीआई ने राम रहीम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।अपने सजा को लेकर राम रहीम ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। कोर्ट ने अपील पर मंगलवार को फैसला सुनाते हुए सीबीआई की अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है।
डेरे का प्रबंधक था रणजीत सिंह
रणजीत सिंह सिरसा डेरे का प्रबंधक था। एक शक की वजह से 22 साल पहले रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। रणजीत सिंह हरियाणा के कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। 10 जुलाई 2002 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
एक गुमनाम साध्वी ने पूर्व प्रधानमंत्री और उस समय के तात्कालिक पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम एक चिट्ठी लिखी थी। जिसमें राम रहीम के खिलाफ जांच की मांग की थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।ये वही गुमनाम चिट्ठी है जिसे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र ‘पूरा सच’में छापा। जिसकी वजह से 24 अक्तूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर हमला कर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र की मौत हो गई थी।
साल 2003 में सीबीआई को सौंपी गई थी जांच रिपोर्ट
पुलिस जांच से असंतुष्ट मृतक रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाकर केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।
साल 2021 में CBI की अदालत ने गुरमीत राम रहीम सहित पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में अभी भी कैद हैं।