सोशल मीडिया ट्विटर फेसबुक के युग में 12 वर्षीय बाल लेखिका रेवा बबेले की पुस्तक ‘बापू की डगर’ का विमोचन भोपाल के राज्य संग्रहालय में हुआ.. कार्यक्रम की खास बात ये है कि दादा और पोती की किताबों का विमोचन एक साथ हुआ..हिन्दी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कवि ओम बबेले के कविता संग्रह ‘कामना से काल हारा’ और बाल लेखिका रेवा बबेले के कहानी संग्रह बापू की डगर का विमोचन आज भोपाल के राज्य संग्रहालय में हुआ जिस में कई दिग्गज शामिल हुए कार्यक्रम में संपादक अतुल विनोद पाठक भी मौजूद रहे.
कार्यक्रम में क्या क्या हुआ
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि ओम बबेले की कविताएँ उनके हृदय की गहराई की अभिव्यक्ति है। बबेले ने ऐसे समय पर छंद में कविता लिखी हैं जिस समय हिंदी के कवि छंद का त्याग कर पूरी तरह से नई कविता की ओर बढ़ गए हैं.
गाँधी जी पर आधारित
रेवा बबेले ने अपनी किताब बापू की डगर के माध्यम से बच्चों के लिए नए गांधी का सृजन किया है। चतुर्वेदी ने कहा कि श्री ओम बबेले ने खड़ी बोली के साथ ही बुंदेली में भी सरस कवितायें लिखकर लोक मानस को बहुत गहराई से अंकित किया है।


बाल लेखिका रेवा बबेले ने कहा
इस दौरान बाल लेखिका रेवा बबेले ने कहा कि उसकी उम्र अभी छोटी है और वह ख़ुद को लेखिका कहने की स्थिति में नहीं है.. लेकिन उसकी एक ही इच्छा है कि महात्मा गांधी के बारे में जो भ्रांतियां बच्चों के बीच फैलायी जा रही है उन्हें समाज के विद्वान लोगों को दूर करना चाहिए.